पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने प्रेस वार्ता कर कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और युवा कांग्रेस के सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यानि कांग्रेस पार्टी के सभी खाते आयकर विभाग की ओर से सीज कर दिए गए हैं. कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बात की जानकारी दी. पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने प्रेस वार्ता कर कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और युवा कांग्रेस के सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि आयकर विभाग की ओर से पार्टी पर 210 करोड़ रुपये की रिकवरी निकाली है.
माकन ने मीडिया को बताया, “हमें गुरुवार को जानकारी मिली कि बैंकों ने पार्टी के द्वारा जारी किए गए चेक रोक दिए हैं. वे हमारे चेक क्लीयरैंस नहीं कर रहे. जब हमने जानकारी निकाली तो पता चला कि कांग्रेस पार्टी के खाते भी सीज कर दिए गए हैं. इसके अलावा क्राउड फंडिंग वाले अकाउंट को भी फ्रिज कर दिया गया है.”
खाते फ्रीज होने का कारण
माकन ने कहा, “ये 2018-19 के आयकर रिटर्न के आधार पर रिकवरी मांगी है. इसके लिए हमें दो कारण दिए गए हैं. एक तो हमने अपने अकाउंट्स सबमिट करने में देरी की और दूसरा ये कि उस साल में पार्टी के पास सिर्फ 199 करोड़ रुपये के चंदे की रसीद थी. उसमें से सिर्फ 14 लाख 40 हजार रुपये हमारे कांग्रेस के विधायक और सांसदों ने नकद में जमा करवाया था. क्योंकि ये पैसा नकद में जमा हुआ है इसीलिए हम पर 210 करोड़ रुपये पेनाल्टी लगा दी गई है.”
बिल भरने के भी पैसे नहीं बचे- माकन
माकन ने कहा कि ये पैसा किसी धनाढ्य, कॉरपोरेट या पूंजीपति का नहीं है बल्कि लोगों से क्राउड फंडिंग के जरिए इकट्ठा किए गया है. जिसमें से ज्यादातर रकम 100 रुपये करके पार्टी के खाते में आई है.
उन्होंने कहा कि पार्टी के पास अभी हमारे बिजली का बिल भरने के लिए और अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए पैसे नहीं बचे हैं. अकाउंट फ्रीज होने के कारण न केवल भारत जोड़ों न्याय यात्रा बल्कि पार्टी की सभी राजनीतिक गतिविधियां प्रभावित होंगी.
"पार्टी के खाते नहीं लोकतंत्र फ्रीज"
माकन ने इस दौरान कहा कि ये सिर्फ कांग्रेस पार्टी के अकाउंट सीज नहीं हुए हैं बल्कि लोकतंत्र सीज हो गया है. उन्होंने कहा, “देश की प्रमुख के खाते फ्रीज कर दिए हैं. ये कांग्रेस पार्टी के खाते पर तालेबंदी या बेड़ियां नहीं ये लोकतंत्र के ऊपर तालाबंदी या बेड़ियां हैं. चुनाव से कुछ ही हफ्ते पहले ही ऐसा हो जाना लोकतंत्र के लिए इससे ज्यादा चिंता की और कोई बात नहीं हो सकती है.”
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