सुप्रीम कोर्ट ने नए बॉन्ड जारी करने पर रोक लगाने के साथ ही पुराने बॉन्ड्स की जानकारी भी सार्वजनिक करने को कहा है.
देश की सर्वोच्च अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स को असंवैधानिक करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि मतदाताओं को जानकारी से वंचित नहीं रखा जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, संजीव खन्ना, बी. आर. गवई, जे. बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने यह फैसला सुनाया.
अदालत ने फैसले में कहा कि चुनावी बॉन्ड की योजना सूचना के अधिकार का उल्लंघन करती है. मतदान करने के लिए पार्टी को मिलने वाली फंडिंग की जानकारी होना आवश्यक है ताकि मतदाता अपने मताधिकार का ठीक से प्रयोग कर सकें.
सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को निर्देश दिए हैं कि वह इन बॉन्ड्स को जारी करना बंद कर दे और 2019 से अब तक की सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे. इसके बाद चुनाव आयोग को यह जानकारी 13 मार्च तक सार्वजनिक करने के भी निर्देश दिए हैं.
मालूम हो कि साल 2018 में केंद्र की मोदी सरकार पार्टियों को चंदा पहुंचाने के ‘सुरक्षित’ और ‘गोपनीय’ माध्यम के रूप में इलेक्टोरल बॉन्ड्स का प्रावधान लेकर आई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने उसी गोपनीयता के चलते उन्हें बंद कर करने का आदेश दिया है.