रोहित गोदारा की कहानी और करणी सेना प्रमुख की हालिया हत्या नए आपराधिक गिरोहों के एक व्यापक नेटवर्क के उदय का नतीजा है. यह नेटवर्क राजस्थान से भी बाहर तक फैले हैं.
साल 1988 में बीकानेर के हरियासर गांव के नजदीक एक बंजर खेतीहर जमीन पर बसे एक झोपड़ी के आसपास धूल से भरी आंधी चली. झोपड़ी के छप्पर तले एक नवजात बच्चा जिंदगी से जंग लड़ रहा था. वह बच्चा कम वजन और कुपोषण का शिकार था.
वह बच्चा ‘सतमासिया’ था. मतलब उस बच्चे का जन्म 7 महीने में ही हो गया था. यह बच्चा अपनी मां का चौथा और आखिरी बच्चा था. भीषण गर्मी से बचाने के लिए उसका चचेरा भाई झोपड़ी से बाहर पानी छिड़क रहा था. पूरे परिवार की कोशिश रंग लाई और बच्चा बच गया.
लेकिन गर्मी ने बच्चे का पीछा नहीं छोड़ा. यहां तक कि दो दशक बाद भी जब वहीं बच्चा बीकानेर के रानी बाजार में किराए के कमरे में रह रहा था, वहां भी वह गर्मी से परेशान था. भूरी आंखों और ‘तेरे नाम स्टाइल’ में कटे बालों वाला यह 5 फुट 9 इंच कद का लड़का अब मोबाइल तकनीशियन के तौर पर एक दुकान में काम करता था. उसने रविवार को एक बंद दुकान में क्वर्टी कीपैड फ़ोन को ठीक करने के लिए अपनी फुर्तीली उंगलियों का इस्तेमाल किया और इससे खुश होकर दुकान के मालिक ने उसे एक एयर कूलर दे दिया. लेकिन जब वह कूलर को अपने घर ले जा रहा था तो नशे में धुत दो लोगों ने उसका पीछा किया.
लड़के ने अपनी जेब से नोकिया 3250 मोबाइल निकाला और फ़ोन कर अपने एक दोस्त को मदद के लिए बुलाया. दोस्त ने मौके पर पहुंच कर पीछा कर रहे दोनों लोगों को पीटा और मोबाइल तकनीशियन को भी डांट लगाई और कहा कि वह बहुत डरपोक है.
लेकिन पिछले साल के अंत तक कभी दब्बू स्वभाव रखने वाला एक मामूली तकनीशियन राजस्थान के सबसे वांछित गैंगस्टरों में से एक बन चुका था.
पिछले साल उसने जयपुर के एक प्रॉपर्टी डीलर को फ़ोन पर कहा, "मैं रोहित गोदारा बोल रहा हूं. मैंने राजू ठेहट (कुछ दिन पहले मारा गया एक गैंगस्टर) की देह में 25 गोलियां उतार दी थी. इसी तरह मैं तुम में 50 गोलियां भर दूंगा. मैं तुम्हें 2023 नहीं देखने दूंगा."
रोहित गोदारा इस प्रोपर्टी डीलर से 5 करोड़ रुपये मांग रहा था.
राजस्थान की भीषण गर्मी में जो नवजात बच गया था, अब वह लॉरेंस बिश्नोई के नेतृत्व वाले क्राइम नेटवर्क का हिस्सा है. लॉरेंस ने उसे राजस्थान में अहम जिम्मा दिया हुआ है. लॉरेंस बिश्नोई सिद्धू मूसेवाला की हत्या और सलमान खान को धमकी देने को लेकर सुर्खियों में रहा है.
रोहित गोदारा के मोबाइल रिपेयर शॉप में काम करने से गैंगस्टर बनने के पीछे हुए बदलाव को समझने के लिए न्यूज़लॉन्ड्री ने उसके वर्तमान और पूर्व सहयोगियों, उनके साथ या उनके नीचे काम करने वाले मोबाइल तकनीशियनों, उनके परिवार और पुलिस अधिकारियों से बात की है.
हमने एक पुलिस डोजियर भी देखा है, जिसमें एफआईआर, चार्जशीट और सैकड़ों पन्नों की पुलिस टिप्पणी थी. यह रिपोर्ट उन खातों और दावों पर आधारित है.
रोहित के आपराधिक डोजियर में राजस्थान और पंजाब में जमीन हड़पने, लूट, जबरन वसूली और कम से कम पांच हत्याओं के 22 मामले शामिल हैं, जिसमें हाल ही में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या भी शामिल है.
रोहित गोदारा नाबालिग बच्चों को प्रभावित करने और अपने टारगेट के मन में डर पैदा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेता है. वह जून 2022 में फर्जी पासपोर्ट पर दुबई भाग गया था.
इसी साल दिसंबर में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था और राजस्थान पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने का एलान किया था. बीकानेर पुलिस की 25 कट्टर अपराधियों की सूची में उसका नाम आने के महज पांच साल बाद ये सब हुआ है.
इस साल, राजस्थान में अपराध का बढ़ते ग्राफ की वजह से मीडिया में सवाल उठने लगे, जिसकी आंच शासन और राजनीतिक हलकों तक पहुंच गई. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में यह एक चुनावी मुद्दा बन गया था और इस वजह से ही जून में पारित 'संगठित अपराध के खिलाफ कानून' जैसे कानून को गति मिली.
जहां एक ओर सभी राजनीतिक दल राज्य में पुलिस की विफलताओं के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे थे, वहीं, रोहित की नजर जाहिर तौर पर राजनीतिक फायदा हासिल करने की थी.
विदेश भागने से पहले रोहित ने पिछले साल अप्रैल में आरएसएस से जुड़े संगठनों की ओर से बीकानेर और जोधपुर में आयोजित हिंदू नववर्ष (हिंदू नववर्ष) रैलियों में भाग लिया था. लेकिन बीकानेर शहर के विधायक जेठानंद व्यास ने दावा किया कि रोहित को ऐसा कोई न्योता नहीं भेजा गया था. जेठानंद व्यास बीकानेर रैली का आयोजन करने वाले आरएसएस से जुड़े संगठन हिंदू जागरण मंच के पूर्व समन्वयक हैं.
दो सूत्रों के मुताबिक, उसी महीने रोहित ने बीकानेर के सादुल क्लब ग्राउंड में भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर एक जनसभा में कांग्रेस के गोविंद राम मेघवाल के साथ मंच साझा किया था. गोविंद राम मेघवाल राज्य के तत्कालीन आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री थे.
मेघवाल ने कार्यक्रम की मेजबानी की थी, लेकिन यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने रोहित को बुलाया था, वे नाराज़ हो गए. उन्होंने फ़ोन काटने से पहले कहा, "आप पत्रकार नहीं बल्कि गैंगस्टर हैं. आप किसी की कठपुतली हैं."
रोहित इन सभी कार्यक्रमों में गाड़ियों के काफ़िले के साथ आता था.
अपराध की दुनिया में आमद
2000 के दशक के अंत और 2010 के दशक की शुरुआत का रोहित बिल्कुल अलग ही इंसान है. उनके नियोक्ता (काम देने वाले) मोनू मोदी उसे एक "प्रतिभाशाली" वर्कर मानते थे. एक बार तकनीशियन के तौर पर काम सीख जाने के बाद उसने बीकानेर के मोबाइल बाजारों में दो दुकानें और एक प्रशिक्षण संस्थान खोला. लेकिन लंबे वक़्त तक बैठने की वजह से उसके पैरों की मांसपेशियों में बारहमासी दर्द की शिकायत रहती थी. वह अपने प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षुओं को अपने अपने पैरों की मालिश करने के लिए कहता था.
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