धनकुबेर होते माननीय: कितनी बढ़ी चुनावी राज्यों वाले मंत्रियों की संपत्ति?

मिजोरम में कुछ मंत्रियों की संपत्ति में जो वृद्धि हुई वह पूरे कैबिनेट की संयुक्त वृद्धि से भी अधिक थी.

WrittenBy:अबान उस्मानी
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गरीब होता मतदाता और अमीर होता माननीय

पांच राज्यों में हो रहे चुनावों में फिर से मैदान में उतरे सैकड़ों वर्तमान विधायकों में 82 मंत्री भी हैं, और उनके हलफनामे बताते हैं कि उनकी संपत्ति में 35.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं, मंत्रिपरिषद की सामूहिक संपत्ति में सबसे बड़ी वृद्धि तेलंगाना में हुई है, जहां भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 15 मंत्रियों की संयुक्त संपत्ति में औसतन 31 करोड़ रुपये, या लगभग 97 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 

दूसरे स्थान पर रहा भाजपा-शासित मध्य प्रदेश, जहां 19 मंत्रियों की संपत्ति में औसतन 6.2 करोड़ रुपये से अधिक या सामूहिक रूप से 68.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. कांग्रेस-शासित राजस्थान तीसरे स्थान पर है, जहां 26 मंत्रियों की संपत्ति में औसतन 5 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है- या सामूहिक रूप से 34 प्रतिशत की.

वहीं, छत्तीसगढ़ में संयुक्त संपत्ति में औसतन 1.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन ऐसा केवल इसलिए हुआ क्योंकि उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव की 2018 में घोषित की गई 500 करोड़ रुपये की संपत्ति में 10 प्रतिशत की गिरावट हुई है. दूसरी ओर, मिजोरम में कई मंत्रियों की संपत्ति में व्यक्तिगत रूप से जो वृद्धि देखी गई, वह कैबिनेट द्वारा दर्ज की गई सामूहिक वृद्धि से अधिक रही.

मुख्यमंत्रियों का प्रदर्शन कैसा रहा है? किस मंत्री की संपत्ति सबसे अधिक बढ़ी? वह कौन सा मंत्रालय संभाल रहे थे और उनके आय के स्रोत क्या थे?

इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए हमने चुनाव आयोग के आंकड़ों, चुनावी हलफनामों और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्टों को देखा और राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव मैदान में उतरे मंत्रियों की संपत्ति का अनुमान लगाया. उनकी, उनके पति/पत्नी और आश्रितों द्वारा घोषित चल और अचल संपत्तियों के साथ उनके हिंदू अविभाजित परिवार की कुल संपत्ति को भी हमने इसमें शामिल किया.

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