गोवा: अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में जातिगत भेदभाव की कविता हटाने पर विवाद

यह कविता दिवंगत लेखक और पूर्व भाजपा विधायक विष्णु सूर्या वाघ ने लिखा था.

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गोवा में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में महोत्सव के दैनिक समाचार पत्र  'द पीकॉक' में जातिगत भेदभाव पर लिखी एक कविता को प्रकाशित नहीं करने पर विवाद खड़ा हो गया. इस कविता को दिवंगत लेखक और पूर्व भाजपा विधायक विष्णु सूर्या वाघ द्वारा 'धर्मनिरपेक्ष' शीर्षक से लिखा गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में रविवार को  'द पीकॉक' के संस्करण में चित्रकार सिद्धेश गौतम द्वारा वाघ का दो पन्नों का चित्रण दिखाया गया, जिसे वाघ की कविता के साथ छापना था, लेकिन इस लेख को शनिवार को हटा दिया गया.  

इस पर गौतम ने नाराजगी जाहिर की. वहीं वाघ के भतीजे ने इसे सेंसरशिप बताया. राज्य सरकार की ओर से आईएफएफआई का आयोजन करने वाली नोडल एजेंसी, एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा ने कहा कि कविता को शामिल न करने का निर्णय पूरी तरह से रचनात्मक कारणों से लिया गया.

रविवार को इंस्टाग्राम पर चित्रकार गौतम ने बताया, “मुझसे आज के अंक के लिए विष्णु सूर्य वाघ की एक कविता को प्रकाशित नहीं करने के लिए कहा गया. वाघ की कविता ‘धर्मनिरपेक्ष’ है, जिसे मैंने सावधानी से चुना क्योंकि यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में दैनिक आधार पर होने वाली जातिगत भेदभाव की कई घटनाओं को व्यक्त करती है.”

गौतम ने इंस्टाग्राम पर कविता साझा करते हुए यह भी कहा, “मैं खुद अपने जीवन में कई बार इस तरह की चीजों से गुजर चुका हूं.”

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