अकेले ही चुनाव प्रचार पर निकले आईआईटी दिल्ली के ये पूर्व प्रोफेसर, मगर क्यों? 

 71 साल के विपिन त्रिपाठी बताते हैं कि उनका एक ही उद्देश्य है, "मतदाताओं के बीच जागरूकता बढ़ाएं ताकि वे सही उम्मीदवार का चयन कर सकें.

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मध्य प्रदेश में जहां पार्टियां अपने स्टार प्रचारकों के ऊपर करोड़ों रुपये खर्च रही हैं. वहीं, आईआईटी दिल्ली के एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर मध्य प्रदेश में जगह-जगह जाकर अकेले ही चुनाव प्रचार कर रहे हैं. वो दुकानों, बस्तियों और सार्वजनिक जगहों पर जाकर पर्चे बांट रहे हैं. 

हालांकि, प्रोफेसर विपिन त्रिपाठी किसी पार्टी विशेष या किसी खास उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं कर रहे हैं. वे जनता को 'सही उम्मीदवार' के चुनाव के लिए प्रेरित कर रहे हैं. मतदाताओं के बीच जागरूकता फ़ैलाने के लिए विपिन त्रिपाठी पिछले कुछ दिनों में प्रदेश कई जिलों का दौरा कर चुके हैं. इनकी सबसे एक ही अपील होती है- ऐसे लोगों को वोट दें जो ईमानदार हों और साम्प्रदायिकता की राजनीति न करते हों. 

71 साल के विपिन बताते हैं कि उनका एक ही उद्देश्य है, "मतदाताओं के बीच जागरूकता बढ़ाएं ताकि वे सही उम्मीदवार का चयन कर सकें. ऐसे उम्मीदवारों को चुनने से बचना चाहिए जो सांप्रदायिकता की राजनीति कर रहे हैं क्योंकि यह हमारे देश को नष्ट करने वाला है."

पिछले कई सालों में प्रोफेसर विपिन त्रिपाठी एनआरसी, कश्मीर और साम्प्रदायिकता जैसे कई सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता अभियान चला चुके हैं. उनके इस अभियान को लोगों का काफी प्यार भी मिला है.  

देखिए ये वीडियो रिपोर्ट. 

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