डी-5 कोठी की बगल में एक कोठी डी-6 भी है. इसका मालिक किडनी रैकेट में पहले ही गिरफ्तार हो चुका था. जबकि सीबीआई ने इस एंगल पर कभी काम ही नहीं किया.
17 साल पहले यानी 2006 में नोएडा के सेक्टर-31 की D-5 कोठी ने पूरे देश को दहला दिया था. आज यह कोठी दुनियाभर में ‘निठारी कांड’ के नाम से जानी जाती है. सोमवार 16 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए एक एक फैसले के चलते एक बार फिर यह कोठी चर्चा में है. दरअसल, कोर्ट ने निठारी कांड के दोनों आरोपियों को बरी कर दिया है. इस फैसले के बाद से हर कोई हैरान है.
इस वीडियो में जानिए कि निठारी कांड क्या है. सीबीआई इस केस में कैसे कमजोर कड़ी साबित हुई और कई मामलों में फांसी की सजा पाए दोनों आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली कैसे बरी हो गए?
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