चुनाव आयोग ने कहा कि अगर वह वीवीपैट की सभी पर्चियों की गिनती करने लगे तो हम बैलेट पेपर से वोटिंग कराने के दौर में पहुंच जाएंगे जैसा कि पहले होता था.
ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट यानी वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल का विवाद काफी पुराना है. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव और इसी साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वीवीपैट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका ने यह विवाद फिर से ताजा कर दिया है.
दरअसल, वीवीपैट पर्चियों की 100 फीसदी गिनती की मांग को लेकर एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि अगर वह वीवीपैट की सभी पर्चियों की गिनती करने लगे तो हम बैलेट पेपर से वोटिंग कराने के दौर में पहुंच जाएंगे जैसा कि पहले होता था.
आखिर ये वीवीपैट है क्या? इसकी शुरुआत क्यों की गई. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की मांग और उस पर चुनाव आयोग का जवाब. इन सभी सवालों के जवाब आज हम इस वीडियो में जानेंगे.