न्यूज़क्लिक मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक चीन, पाकिस्तान, शाओमी और वीवो जैसी कंपनियां भारत में लोगों के साथ मिलकर साजिश रच रही थीं.
3 अक्टूबर की सुबह-सुबह करीब 100 जगहों पर तलाशी और 46 लोगों से पूछताछ के बाद देर शाम तक दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. इसी बीच पुरकायस्थ की याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पुलिस को उन्हें एफआईआर की प्रति देने के आदेश दिया.
इस मामले की एफआईआर में दर्ज आरोपियों में तीन लोग प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं. न्यूज़क्लिक के संस्थापक संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, गौतम नवलखा और नेविल रॉय सिंघम.
यह एफआईआर 17 अगस्त को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के निरीक्षक प्रवीन कुमार की शिकायत पर गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए, 120 बी के तहत दर्ज की गई है.
एफआईआर में क्या है?
एफआईआर में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को गुप्त जानकारी मिली है कि विदेश से करोड़ों रुपए की रकम अवैध रूप से भारत पहुंचाई गई है. इसके जरिए भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची जा रही है. इस साजिश में कई भारतीय और विदेशी कंपनियां शामिल हैं.
एफआईआर में दर्ज ब्यौरे के मुताबिक अप्रैल 2018 से पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को पांच साल की छोटी सी अवधि में वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स लिमिटेड, यूएसए से करोड़ों रुपए का फंड अवैध तरीकों से पहुंचाया गया है.
फंड के बारे में जानकारी देते हुए एफआईआर में कहा गया है कि ये सारा पैसा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपगेंडा (प्रचार) विभाग के सक्रिय सदस्य, शंघाई निवासी नेविल रॉय सिंघम ने शेल कंपनियों के एक जटिल जाल के जरिए अवैध तरीके से भारत भेजा है.
गौतम नवलखा, पाकिस्तान और चीन का संबंध
एफआईआर में आगे कहा गया है कि गौतम नवलखा जो कि पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में शेयरधारक हैं. वे भारत विरोधी एवं गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. साथ ही उनके संबंध पाकिस्तान के आईएसआई के एजेंट गुलाम नबी फई से भी हैं. इतना ही नहीं नवलखा और पुरकायस्थ को साल 1991 से एक दूसरे के सहयोग से काम करने वाला बताया गया है.
एफआईआर में इस बात भी जिक्र है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने अपने अन्य सहयोगियों जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती (अमित चक्रवर्ती के भाई) और बप्पादित्य सिन्हा के जरिए इस अवैध रुपए की हेराफोरी की है.
अभिसार शर्मा, परंजॉय गुहा ठाकुरता, उर्मिलेश समेत जिन लोगों के घर पुलिस ने दबिश दी थी उनका नाम एफआईआर में संभावित आरोपितों में दर्ज है. इसके मुताबिक ये लोग प्रबीर से अवैध रुपया हासिल कर रहे थे. इनके अलावा गौतम नवलखा, जावेद आनंद, अतारिका हलदर आदि भी लाभार्थी हैं.
अरुणाचल और कश्मीर को लेकर साजिश
एफआईआर में कहा गया है कि प्रबीर, नेविल रॉय सिंघम और उनकी कंपनी से जुड़े कुछ कर्मचारियों के बीच ई-मेल पर बातचीत हुई. जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि ये लोग अरुणाचल और कश्मीर को भारत के नक्शे से बाहर करने पर बात कर रहे थे. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन दोनों जगहों को विवादित हिस्से के रूप में प्रचारित करना चाहते थे.
शाओमी और वीवो पर भी आरोप
सूत्रों ने बताया है कि एफआईआर में चीनी मोबाइल कंपनियों शाओमी और वीवो पर भी भारत के खिलाफ साजिश के आरोप हैं. एफआईआर में कहा गया है कि ये दोनों कंपनियां भारत विरोधी इस साजिश का हिस्सा हैं. ये दोनों सैंकड़ों फर्जी कंपनियों के जरिए भारत में अवैध रूप से विदेशी धन लाए हैं और भारत के पीएमएलए और फेमा कानून का उल्लंघन किया है.
इस पूरी साजिश में गौतम भाटिया को मुख्य किरदार बताते हुए कहा गया है कि उन्होंने प्रबीर पुरकायस्थ और अन्य चीन समर्थकों को कानूनी मसलों से सुरक्षा देने के लिए एक लीगल नेटवर्क बनाया था. ताकि भारत विरोधी साजिश में लगे लोगों और कंपनियों को कानूनी सुरक्षा मिले.