नेटवर्क ऑफ वीमेन इन मीडिया, इंडिया ने कहा कि पत्रकार का काम सवाल करना है. नेताओं को असुरक्षित कर देने वाले सवाल भी इसी में शामिल हैं.
नेटवर्क ऑफ वीमेन इन मीडिया, इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने बयान जारी कर एक महिला पत्रकार पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए तमिलनाडु अध्यक्ष अन्नामलाई की कड़ी निंदा की.
बयान में कहा गया कि तमिल टेलीविजन चैनल में काम करने वाली एक महिला पत्रकार पर की गई ये टिप्पणियां अपमानजनक और पत्रकार को नीचा दिखाने वाली हैं. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भाजपा नेता का व्यवहार शरारतपूर्ण और उत्पीड़ित करने वाला था.
मालूम हो कि गत 1 अक्टूबर को प्रदेश के भाजपा प्रमुख ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान एक महिला रिपोर्टर ने भाजपा नेता से पूछा कि अगर वह प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहेंगे तो क्या वह भाजपा में रहेंगे?
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, “अन्नामलाई ने (पत्रकार को अपने बगल में खड़े होने का इशारा करते हुए) कहा, “यहां आओ बहन. मेरे बगल में खड़ी हो जाओ. लोगों को टीवी के माध्यम से देखने दो कि मुझसे ऐसा सवाल किसने पूछा है. सवाल पूछने का एक तरीका होता है. तमिलनाडु के लोगों को उस व्यक्ति के बारे में पता होना चाहिए जिसने इतना शानदार सवाल पूछा है.”
उन्होंने आगे कहा, “बहन, मैं चाहता हूं कि आप इस क्षेत्र में तरक्की करें. आप उच्च पद पर पहुंचे लेकिन इसके लिए कुछ नैतिकता की ज़रूरत है. इसके लिए पेशेवर आधार की जरूरत है. साथ ही जरूरी है कि (आपके) प्रश्न एक मानक का पालन करें. लेकि आपको एक चैनल से दूसरे चैनल पर नहीं जाना चाहिए. आठ करोड़ लोगों को देखने दीजिए कि वह बुद्धिमान व्यक्ति कौन है, जो इस तरह के सवाल पूछ रहा है.”
घटना के कुछ समय बाद कोएंबटुर प्रेस क्लब ने इसकी निंदा की. संस्था के अध्यक्ष एआर बाबु ने कहा कि अन्नामलई को एक पत्रकार को नैतिकता सिखाने से पहले एक राजनेता के तौर पर नैतिकता के बारे में जान लेना चाहिए.
एनडब्ल्यूएमआई ने कहा कि पत्रकार का काम सवाल करना है. नेताओं को असुरक्षित कर देने वाले सवाल भी इसी में शामिल हैं. 1 अक्टूबर को महिला पत्रकार द्वारा पूछा गया सवाल राज्य में हालिया बदलाव के परिप्रेक्ष्य में तार्किक था.
एनडब्ल्यूएमआई ने कहा कि भाजपा नेता को पत्रकारों के बारे में अपने नजरिए को ठीक करना चाहिए और भविष्य में पत्रकारों के खिलाफ इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी से परहेज करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि वे भाजपा के आलाकमान का इस ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं. अन्नामलई का लंबे समय से पत्रकारों के प्रति रवैया आक्रामक रहा है. इसलिए मांग करते हैं कि आगे से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वह पेशेवर व्यवहार करें.
पिछले साल भाजपा प्रमुख ने पत्रकारों की तुलना बंदरों से की थी, जिसकी मीडिया संस्थानों ने कड़ी आलोचना की थी. इसके अलावा अन्नामलई ने पत्रकारों पर आरोप लगाया था कि डीएमके ने उनसे सवाल करने के लिए पत्रकारों को पैसे दिए हैं. इसके बाद चेन्नई के पत्रकारों ने भाजपा नेता के खिलाफ प्रदर्शन किया था.