“सरकारी एजेंसियों का स्वतंत्र मीडिया को परेशान करने और डराने-धमकाने का खतरनाक चलन बंद होना चाहिए क्योंकि यह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र को कमजोर करता है.”
देश में संपादकों की सर्वोच्च संस्थान एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने न्यूज़लॉन्ड्री और न्यूज़क्लिक पर आयकर विभाग के ‘सर्वे’ पर चिंता व्यक्त की है.
गिल्ड ने अपने बयान में कहा कि आयकर विभाग ने अपनी पूरी कार्रवाई को ‘सर्वे’ बताया है लेकिन न्यूज़लॉन्ड्री के सीईओ अभिनंदन सेखरी के बयान से पता चलता हैं कि यह उनके अधिकारों और मीडिया की आजादी पर हमला है. आयकर विभाग ने अभिनंदन का लैपटॉप और मोबाइल जब्त किया, वो भी बिना “हैश वैल्यू” के. जबकि इनकम टैक्स की धारा 133A सिर्फ जांच से संबंधित दस्तावेज को कॉपी करने की अनुमति देता है, ना की व्यक्तिगत और पत्रकारों का डेटा कॉपी करने की.
“गिल्ड को इस बात की गहरी चिंता है कि पत्रकारों के डेटा की इस तरह की जब्ती जिसमें कई संवेदनशील जानकारियां शामिल होती हैं जैसे कि स्रोतों का विवरण, स्टोरी को लेकर किया जा रहा काम और अन्य पत्रकारिता डेटा. यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन है.”
गिल्ड ने आगे बयान में कहा, “सरकारी एजेंसियों का स्वतंत्र मीडिया को परेशान करने और डराने-धमकाने का खतरनाक चलन बंद होना चाहिए क्योंकि यह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र को कमजोर करता है.”
गिल्ड ने मांग करते हुए कहा, ऐसी सभी जांचों में बहुत सावधानी और संवेदनशीलता दिखाई जाए ताकि पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के अधिकारों को कमजोर नहीं किया जाए. इसके अलावा, इस तरह की जांचों के जरिए स्वतंत्र मीडिया को डराना बंद होना चाहिए.
बता दें इससे पहले जुलाई महीने में दैनिक भास्कर और लखनऊ स्थित भारत समाचार पर भी इनकम टैक्स ने छापेमारी की थी. यह कार्रवाई मीडिया संस्थानों द्वारा सरकार से कड़े सवाल पूछने के कारण की गई. न्यूज़क्लिक पर ईडी ने फरवरी महीने में छापेमारी की थी.
गौरतलब हैं कि आयकर विभाग के सर्वे पर न्यूज़लॉन्ड्री ने अपना आधिकारिक बयान जारी कर दिया है. न्यूज़लॉन्ड्री ने स्पष्ट किया है कि कानून के अनुसार जितना भी सहयोग हमें करना चाहिए वह हम अवश्य करेंगे. हम जनहित पत्रकारिता करना जारी रखेंगे क्योंकि वही हमारे अस्तित्व का कारण है.