दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
विगत हफ्ते नई वाली संसद के भवन में भड़वा, कटुवा, मुल्ला, उग्रवादी और आतंकवादी छाए रहे. बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे एक पत्र में इन शब्दों का जिक्र किया है. इन शब्दों का जिक्र करने वाले रमेश बिधूड़ी संस्कारी पार्टी भाजपा के सांसद हैं.
यह सारा इतिहास एक ऐतिहासिक मौके पर लिखा गया. संसद का नया भवन था, संसद का विशेष सत्र था. इसे और विशेष बनाने की जिम्मेदारी भाजपा ने बिधूड़ी के कंधों पर डाली थी. बिधूड़ीजी ने इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. जब बिधूड़ीजी नए वाले संसद भवन में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे थे उस वक्त भाजपा के दो सम्मानित सदस्य हर्षवर्धन और रवि शंकर प्रसाद अपनी खुशी को रोक नहींं पा रहे थे.
इसी के साथ पिछले हफ्ते टेलीविजन पत्रकारिता में घामड़पन के शीर्ष अवार्ड का दावेदार इंटरव्यू भी चला. इसे टाइम्स नाउ की नाविका कुमार ने कंगना रनौत के साथ अंजाम दिया. घामड़पन वाले सवाल पर उससे भी ज्यादा घामड़पन वाले जवाब. आप बस इस बार की टिप्पणी देख लीजिए.