दिल्ली में चला बुलडोजर, लोग बोले- ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान का वादा था लेकिन हमें तो सड़क पर ला दिया’ 

दिल्ली विकास प्राधिकरण की बुलडोजर कार्रवाई का शिकार हुए लोगों ने कहा कि उनकी झुग्गी भी तोड़ दी गई और मकान भी नहीं मिला. अब वे अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहां जाएं?

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साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, "मेरा सपना है कि साल 2022 में जब आजादी के 75 साल होंगे, तब दिल्ली के हर झुग्गी वाले का अपना पक्का घर हो. यह सपना मैं पूरा करना चाहता हूं.” वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ का नारा दिया था. 

2015 से अब तक चुनाव दर चुनाव झुग्गिवासियों से ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ का वादा तो किया गया लेकिन सरकार इस वादे को पूरा करने में विफल रही. 

उल्टे दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इस साल की शुरुआत से ही अवैध झुग्गियों पर बहुत ही आक्रामक तरीके से बुलडोजर चलाने की कार्रवाई कर रहा है. G20 के मद्देनजर राजधानी दिल्ली को सुंदर और आकर्षक दिखाने के लिहाज से अब 10 से अधिक झुग्गियों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है. जिसकी वजह से करीब 20 हजार परिवार बेघर हो चुके हैं.

24 अगस्त को डीडीए ने बदरपुर गांव में करीब 150 अनाधिकृत झुग्गियों पर बुलडोजर चला दिया. जिसकी वजह से इनमें रहने वाले परिवार फ्लाईओवर के नीचे शरण लेने को मजबूर हो गए. इनमें ज्यादातर पुरुष दिहाड़ी और महिलाएं घरेलू सहायक (मेड) का काम करती हैं. 

बिहार की रहने वाली मरियम का दावा है कि वे 1996 से यहां झुग्गी बनाकर रह रही थीं. बुलडोजर की कार्रवाई का शिकार हुए झुग्गी की तरफ इशारा करते हुए वे कहती हैं, “प्रधानमंत्री मोदी और केजरीवाल दोनों ने कहा था कि ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ देंगे लेकिन अब हमारी झुग्गी भी तोड़ दी गई और मकान भी नहीं मिला. भले ही झुग्गी थी लेकिन कम से कम हमारे सर पर छत तो थी. अब मैं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहां जाऊं?”

झुग्गी में रहने वाले लोगों का आरोप है कि बुलडोजर की कार्रवाई के दौरान डीडीए अधिकारियों के साथ पुलिस भी मौजूद थी और उनके साथ मारपीट की गई. मुकेश अपने हाथ और पैर पर लगी चोट को दिखाते हुए कहते हैं. “मुझे मेरे घर से सामान निकालने की मोहलत नहीं दी गई. जब मैंने सामान निकालने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे इतना मारा कि मेरे हाथ और पर से अभी तक खून बह रहा है.”

वहीं, डीडीए की तरफ से झुग्गियों को खाली करवाने के लिए 8 अगस्त को ही नोटिस लगा दिया गया था. जिसमें लिखा था, "यह जमीन डीडीए की है. इसे 7 दिन के अंदर खाली कर दें, शीघ्र ही इसे डेमोलिश कर दिया जाएगा. यदि समय रहते आप सब ने जगह खाली नहीं की तो डेमोलिशन के दौरान होने वाले हानि का जिम्मेदार दिल्ली विकास प्राधिकरण नहीं होगा."

देखिए यह वीडियो रिपोर्ट -

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