आरटीआई से मिली सूचना के आधार पर नेता, पत्रकार और सरकार के लोग पीएम मोदी द्वारा छुट्टी नहीं लेने की सूचना साझा कर रहे हैं. सच क्या है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में एक भी दिन छुट्टी नहीं ली. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली इस जानकारी के आधार पर 4 सितंबर यानी सोमवार को कई मीडिया संस्थानों ने बढ़-चढ़ कर यह खबर फैलाई.
मीडिया संस्थाओं के अलावा कई पत्रकारों, भाजपा नेताओं और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने भी इसी आरटीआई के आधार पर पीएम मोदी की तारीफ में ट्वीट किए. यह आरटीआई प्रफुल्ल शारदा नाम के शख्स की है.
भाजपा नेताओं ने चलाया #MyPmMyPride ट्रेंड
इस आरटीआई को भाजपा के कई मुख्यमंत्रियों और नेताओं ने भी एक्स (ट्विटर) पर साझा करते हुए #MyPmMyPride हैशटैग से ट्रेंड चलाया.
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने इस आरटीआई को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘9 वर्ष बिना किसी अवकाश के निरंतर कार्य! हमारी प्रेरणा भारत है. भूमि की करें पूजा, सुजलां सुफलां सदा स्नेहा यही तो रूप है इनका चरैवेति-चरैवेति की उक्त भावना वाले हमारे अथक, अविराम, कर्मयोगी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पर हमें सदैव गर्व है.’’
The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.
Contributeअसम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने #MyPmMyPride के साथ आरटीआई के जवाब को ट्वीट किया.
इसके अलावा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी और भाजपा किसान मोर्चा समेत कई नेताओं ने इसे शेयर किया. सबने प्रधानमंत्री की तारीफ की.
एबीपी न्यूज़ के एंकर विकास भदौरिया ने आरटीआई के जवाब को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘2014 से पदभार संभालने के बाद से पीएम मोदी ने कोई छुट्टी नहीं ली है. वहीं इन 9 वर्षों में उन्होंने 3000 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लिया है.’’
एबीपी न्यूज़ ने भी इस पर खबर बनाई, जिसका शीर्षक दिया, ‘PM Modi In Office: 9 सालों में पीएम मोदी ने ऑफिस से ली कितनी छुट्टी? RTI में मिला चौंकाने वाला जवाब’
इस खबर में बताया गया है कि 2014 में पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने कितनी छुट्टी ली? इसके जवाब में पीएमओ की ओर से बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार ड्यूटी पर हैं. उन्होंने ऑफिस में पदभार ग्रहण करने के बाद से एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली है. पीएमओ ने 31 जुलाई 2023 को ये जवाब दिया था.
एबीपी के अलावा कई और मीडिया संस्थाओं ने इस आरटीआई के जवाब के आधार पर खबर की-
टाइम्स नाउ हिंदी- पीएम मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद एक भी दिन की नहीं ली छुट्टी,आरटीआई से हुआ खुलासा
एशियानेट न्यूज़- 2014 में PM बनने के बाद से नरेंद्र मोदी ने नहीं ली एक भी दिन की छुट्टी, हर वक्त किया काम
न्यूज़ बाइट्स- प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने नहीं ली कोई छुट्टी, 3,000 कार्यक्रमों में शामिल हुए
आज तक- फिर एक RTI, फिर एक जवाब... छुट्टियां नहीं लेते हैं प्रधानमंत्री
दैनिक भास्कर- PM मोदी ने एक भी दिन छुट्टी नहीं ली:2014 में संभाली थी सत्ता, तबसे लगातार काम कर रहे, RTI से खुलासा
हकीकत क्या है?
जिस आरटीआई के जवाब के आधार पर पत्रकार, मीडिया संस्थान, भाजपा नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़ते नज़र आए उसी में इसका सच भी लिखा था.
पीएम मोदी की छुट्टी को लेकर जो सवाल पूछा गया उसके जवाब में लिखा है, ‘‘प्रधानमंत्री हर समय ड्यूटी पर रहते हैं.’’
आज तक ने अपनी ख़बर में आरटीआई के इस हिस्से का जिक्र तो किया लेकिन ख़बर ऐसी बनाई कि पीएम मोदी ने छुट्टी नहीं ली. वहीं एबीपी ने तो आरटीआई का पूरा जवाब ही नहीं लिखा.
बता दें कि अक्टूबर 2016 में हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर में पूर्व कैबिनेट सचिव नरेश चंद्रा ने भी बताया था कि पीएम या मंत्रियों के छुट्टी पर रहने का कोई प्रावधान नहीं है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, ‘‘मैंने देखा कि इस तरह की कोई ख़बर आई है कि पीएम मोदी ने कभी छुट्टी नहीं ली है. यह तमाशा है. कोई प्रधानमंत्री कभी छुट्टी नहीं लेते हैं. मनमोहन सिंह ने कभी छुट्टी नहीं ली है. लेकिन हमने इसको लेकर कोई बैंड बाजा नहीं बजाया. राजीव गांधी एक बार अपने परिवार के साथ लक्षदीप गए थे, लेकिन उस समय भी वो पीएमओ के संपर्क में थे. प्रधानमंत्री कहीं भी हो वो 24 घंटे अपने दफ्तर के संपर्क में रहते हैं. यह कहना कि पीएम मोदी ने छुट्टी नहीं ली यह बस मार्केटिंग है.’’
आरटीआई के जवाब, पूर्व कैबिनेट सचिव नरेश चंद्रा और संजय बारू के कहे से साफ जाहिर है कि पीएम हर वक़्त ‘ऑन ड्यूटी’ पर होते हैं. ऐसे में यह दावा कि नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में छुट्टी नहीं ली यह भ्रामक है.
ऐसे में अगर प्रधानमंत्री किसी कारण बस तत्काल निर्णय लेने के लिए मौजूद नहीं होते तो क्या होते है? इसपर साल 2016 में नरेश चंद्रा ने बताया था कि जब प्रधानमंत्री तत्काल निर्णय लेने के लिए मौजूद नहीं होते हैं, तो कैबिनेट सचिव को नोट के जरिए सूचित कर देते हैं कि कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता कोई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री करेंगे- जिनको प्रधानमंत्री नॉमिनेट करके जाते हैं. इसलिए जब 2009 की शुरुआत में मनमोहन सिंह को दिल की सर्जरी करानी पड़ी, तो उन्होंने प्रणब मुखर्जी का नाम लिया था. वहीं वर्तमान सरकार में, जब पीएम मोदी विदेश में होते हैं तो गृह मंत्री राजनाथ सिंह ही कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हैं.
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