आरटीआई कार्यकर्ताओं ने बुधवार को पाया कि उनके पिछले आवेदनों के रिकॉर्ड जो कि सैकड़ों की संख्या में थे आरटीआई वेबसाइट से गायब हो गए हैं. द हिंदू ने दो आरटीआई कार्यकर्ताओं के आवेदनों के नमूने देखे और सत्यापित किए, जिनमें से एक के सभी खाते यानी 2022 से पहले की जानकारी हटा दी गई है.
बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) आरटीआई वेबसाइट का प्रबंधन करती है. और इन आवेदनों को कैसे संभालकर रखना है, इसके लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन डेटा गायब होने के सवाल पर चुप है.