दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
हिमाचल प्रदेश में तूफानी बारिश और भूधंसाव के कारण भारी तबाही हुई है, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में भारी हिंसा हुई है, दिल्ली में बाढ़ आई हुई है. ये तीनों खबरें हम आपको देंगे लेकिन संदर्भ सहित व्याख्या करते हुए. साथ में जो खबरें आप तक नहीं पहुंच पाईं उन्हें भी आप तक पहुंचाने की कोशिश रहेगी.
हम मणिपुर में जारी जातीय हिंसा की बात कर रहे हैं. लगभग ढाई महीने से मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक 150 के आस पास लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन हुड़कचुल्लू एंकर इस विषय को लगातार टरकाए हुए हैं. हमारा नया एनएल सेना प्रोजेक्ट मणिपुर की जातीय हिंसा और हिमाचल प्रदेश में आई तूफानी आपदा पर केंद्रत है इसे पूरा करने में हमारी मदद करे.
अभिनय की एक विधा होती है मेथड एक्टिंग. कुछ कलाकार इस विधा में पारंगत होते हैं. मेथड एक्टिंग की तरह यह मेथड रिपोर्टिंग का जमाना है जिसे एबीपी न्यूज़ के रिपोर्टर ने हमें दिखाया. बाढ़ को कैमरे से दिखाकर काम नहीं चल सकता, बाढ़ को बाढ़ बताकर भी काम नहीं चलेगा. बाढ़ को बताने के लिए बाढ़ के पानी में गले तक घुसना पड़ता है. वरना दिखाने को सड़क के सूखे साइड से भी बाढ़ दिखा ही सकते थे.
अपनी एक रिपोर्टर भावना किशोर के साथ पंजाब में पुलिसिया जुल्म को लेकर हंगामा बरपा देने वाली टाइम्स नाउ की एंकर नाविका कुमार का पाला जब भाजपा के बृजभूषण सिंह से हुआ तब कैसे वो भीगी बिल्ली बन गईं उस पर भी टिप्पणी. और साथ में जानिए हथिनीकुंड बैराज से जुड़ा एक व्यक्तिगत अनुभव ताकी बांध और बैराज का अंतर पता रहे.