जनता पर पेशाब की धार और रुबिका की कातिलाना पत्रकारिता

दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.

WrittenBy:अतुल चौरसिया
Date:
   

मानसून जमकर बरस रहा था. आर्यावर्त में खेत खलिहान लबालब पानी से भरे थे. हस्तिनापुर में भी बाढ़ बारिश का माहौल था. उधर, दरबार भी बहुत दिनों बाद लगा था इसलिए संजय के पिटारे के भीतर बहुत सारी कथा कहानियां कूदफांद मचा रही थीं. कुछ कहानियां इस हफ्ते की टिप्पणी में देखिए. 

जगदीश चंद्रा ‘कातिल’ के साथ मिलकर रूबिका लियाकत ने नई पारी शुरू की है. कातिल के साथ शुरू हुए इस कातिलाना सफर का हमने जायजा लिया है. चैनल का नाम भारत 24 और शो का नाम है दहाड़. बड़े जतन और माथापच्ची के बाद इस शो का यह ऐतिहासिक नाम तय हुआ है. निविदा जारी कर लोगों से प्रवृष्ठियां आमंत्रित की गईं. उसके बाद यह नाम सामने आया.  

राष्ट्रीय चैनलों पर हर दिन धड़ल्ले से मनगढ़ंत, अधूरी खबरें और अफवाह फैलाने के मामले अब सामान्य होते जा रहे हैं. एबीपी न्यूज़ ने बिना तथ्यों की जांच किए एक खबर दौड़ा दी. वैसे तथ्यों की जांच करे भी कैसे, पचास लोगों को एक साथ निकालने के बाद फैक्ट चेक करेगा कौन. अब तो बस मुसलमान नाम की लूट है लूट सके तो लूट. 

देखिए इस हफ्ते की टिप्पणी. 

Also see
article imageसबरीना सिद्दिकी का चीरहरण, सोशल मीडिया एन्फ्लुएंसर और यूसीसी का प्रपंच
article imageरंगा बदनाम हुआ, गीता प्रेस तेरे लिए और महामानव गांधी

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like