मद्रास हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक, अख़बार को पहले पन्ने पर ही माफीनामा प्रकाशित करना था.
तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमले को लेकर फर्जी ख़बर प्रकाशित करने के चलते मद्रास हाईकोर्ट ने दैनिक भास्कर अख़बार को अपने पहले पन्ने पर माफीनामा प्रकाशित करने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद आज दैनिक भास्कर ने अपने यहां शुद्धिपत्र प्रकाशित भी किया. हालांकि, हर ओर इस बात की चर्चा है कि हिंदी में झूठी ख़बर प्रकाशित करने वाले भास्कर ने माफीनामा अंग्रेजी में क्यों प्रकाशित किया?
दरअसल, पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान भास्कर को ये आदेश मिले थे.
शुद्धिपत्र में क्या?
शुद्धिपत्र में कहा गया है कि 2 मार्च को अख़बार में तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हिंसा की खबर सच्ची नहीं थी. दैनिक भास्कर की संपादकीय टीम उक्त खबर को रिपोर्ट करने के लिए तमिलनाडु और बिहार के लोगों से माफी मांगती है. दैनिक भास्कर हमेशा सच्ची और तथ्य आधारित पत्रकारिता को बढ़ावा देता है, माननीय अदालत, और लोगों को हुई किसी भी असुविधा के लिए खेद है.
शुद्धिपत्र के अंत में यह लिखा हुआ था कि यह शुद्धिपत्र उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार जारी किया गया है.
गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ने 2 मार्च को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था. जिसमें कहा गया था कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों को हिंदी में बात करने के लिए दंडित किया जा रहा है. वीडियो में यह भी बताया था कि तमिलनाडु में 15 से अधिक बिहारी प्रवासी श्रमिकों की हत्या हो चुकी है, जो की सरासर गलत खबर थी.
खबर के दो दिन बाद, तमिलनाडु पुलिस ने दैनिक भास्कर पर झूठी खबर फैलाने का मामला दर्ज किया था. मद्रास उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि मीडिया और प्रेस को नैतिकता अपनानी चाहिए. केवल अपने व्यावसायिक हित को बढ़ावा देने के लिए सनसनीखेज खबरों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सार्वजनिक हित का ध्यान रखने की जरूरत है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमले की अफवाहों का विश्लेषण किया था, इन अफवाहों को मेनस्ट्रीम मीडिया ने भ्रामक तौर पर प्रस्तुत किया था. इसके बारे में यहां पढ़ें