सिंधिया समर्थकों ने 'पार्टी के भीतर एक पार्टी' बना ली है, और वह चुनाव में भाजपा की नैया डुबा सकते हैं.
मध्य प्रदेश के रायसेन शहर की समस्या अजीबोगरीब है. यह छोटा सा कस्बा, जहां पिछली जनगणना के अनुसार सिर्फ 44,162 निवासी रहते हैं, अपने आकार के हिसाब से बहुत से ऐतिहासिक आकर्षणों का केंद्र है. रायसेन का किला और सांची स्तूप साथ-साथ हैं. यहां 200 साल पुरानी परंपरा है कि रमजान के दौरान उपवास की शुरुआत और समाप्ति के समय तोप के गोले दागे जाते हैं.
लेकिन इसकी समस्या बस स्टैंड और सागर रोड के बीच है.
"क्या आपने कभी ऐसा सुना है?" भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता ने गुस्से से कहा. "क्या आपने कभी देखा है कि एक ही शहर में एक पार्टी के दो मुख्यालय हों?"
रायसेन में भाजपा के दो "मुख्यालय" हैं. पहला, बस स्टैंड के पास है जो करीब 20 साल से है, और बीजेपी जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा वहीं बैठकर पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात सुनते हैं.
सागर रोड पर स्थित दूसरा कार्यालय काफी नया है. यह 2020 में डॉक्टर, सांसद और पूर्व कांग्रेस नेता प्रभुराम चौधरी ने बनवाया था. चौधरी 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थमने वाले नेताओं में से एक हैं.
साल 2020 में सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के 22 विधायक भाजपा में शामिल हो गए और मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार को गिरा दिया. लेकिन तीन साल बाद अब यही समर्थक सिंधिया के गले की फांस बन चुके हैं. इन पर भाजपा में "पार्टी के भीतर पार्टी" बनाने का आरोप है.
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