दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टेट्समैन के पत्रकार के आरोपों की जांच के दिए निर्देश

शाहिद परवेज 27 सालों तक अखबार के लिए काम कर चुके हैं.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते ईपीएफओ को स्टेट्समैन के पत्रकार के प्रोविडेंट फंड से जुडे मुद्दे पर कार्यवाही करने का आदेश दिया है. 

शाहिद परवेज फिलहाल इंडियन एक्सप्रेस के लिए काम कर रहें हैं. उन्होने 1994 से 2021 तक स्टेट्समैन के लिए काम किया है. इसी साल 10 फरवरी को उन्होंने स्टेट्समैन के मैनेजिंग डायरेक्टर और ट्रस्टी के खिलाफ ईपीएफओ में याचिका दायर की है. उन्होंने स्टेट्समैन पर प्रोविडेंट फंड की बकाया राशि नहीं देने का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की है.

16 मई को परवेज ने एक और यचिका दायर की. जिसमें उन्होंने स्टेट्समैन स्टेट्स प्रोविडेंट फंड रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के मामले में जांच की गुहार लगाई है. प्रोविडेंट फंड के लिए उन्होंने कंपनी और ट्रस्टी के खिलाफ भी  मुकदमा चलाने की मांग की है.

18 मई को कोर्ट ने परवेज की याचिका से जुड़े लोगों से छह हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है. इसमें ईपीएफओ, एसएसपीएफ, एसएसपीएफ ट्रस्टी रवींद्र कुमार,  एसएसपीएफ के ट्रस्टी और स्टेट्समैन के संपादक शामिल हैं. 

हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाकर्ता की योग्यता के आधार पर कोई राय नहीं दे रही है. 

शाहिद परवेज के वकील तलाह अब्दुल रहमान ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उनकी मांग को लेकर ईपीएफओ के कानों में जूं तक नहीं रेंगती नजर आ रही है. इसके कारण याचिकाकर्ता बार-बार कोर्ट के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

इस मामले को लेकर ईपीएफओ के आयुक्त नीलम शमी राव को न्यूज़लॉन्ड्री ने कुछ सवाल भेजे हैं. उनका जवाब आने पर खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.

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