दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हर बच्चे को गरिमा के साथ जीने का अधिकार है.
ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन की बेटी आराध्या ने कुछ यूट्यूब चैनलों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. इस पर गुरुवार को कोर्ट ने आराध्या बच्चन की याचिका पर सुनवाई की. बार एंड बेंच के मुताबिक, कुछ यूट्यूब चैनलों ने अमिताभ बच्चन की पोती आराध्या बच्चन के बारे में झूठे दावों के साथ वीडियो प्रसारित किए. जिसमें उनके स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी दावे किए. कुछ वीडियो में तो उनकी मौत की भी खबर तक प्रसारित कर दी गई. उच्च न्यायालय ने इन सभी यूट्यूब चैनलों की वीडियोज पर तत्काल रोक लगाने को कहा और भविष्य में भी इस तरह की फर्जी सामग्री पर रोक लगाने की बात कही.
कोर्ट ने गूगल और यूट्यूब चैनलों से लिखित में जवाब मांगा है. वहीं कोर्ट ने गूगल से कहा कि आईटी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए.
न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा, “हर बच्चे को गरिमा और सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. चाहे वो सेलेब्रिटी का बच्चा हो या आम आदमी का. बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य या शारीरिक स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी प्रसारित करना पूरी तरह से अस्वीकार्य है.” न्यायालय को ये भी बताया गया कि आराध्य बच्चन बिल्कुल स्वास्थ्य हैं.
बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है, फिल्मी सितारों पर इस तरह के सैकड़ों वीडियोज उपलब्ध हैं. न्यूज़लॉन्ड्री ने जब इस तरह के वीडियोज की पड़ताल की तो पाया कि इस तरह के फर्जी वीडियो की यूट्यूब पर भरमार है. वहीं ऐसे वीडियो पर कई मिलियन व्यूज़ हैं. न्यायालय के बाद इन वीडियोज को अब यूट्यूब से हटाया जा सकता है.
आराध्या ने अपने नाबालिग होने का हवाला देते हुए कोर्ट से अपील की थी कि इन यूट्यूब चैनलों से उन पर बनाए गए सभी वीडियोज को हटाने का आदेश दें. याचिका में उन्होंने गूगल एलएलसी के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी पार्टी बनाया है.