अमेरिकी गैर-लाभकारी संस्था ने ट्विटर के लेबल को 'गलत और भ्रामक' बताया.
अमेरिका का गैर-लाभकारी ‘नेशनल पब्लिक रेडियो’ (एनपीआर) अब अपने 52 आधिकारिक ट्विटर फीड पर नया कंटेंट पोस्ट नहीं करेगा. एनपीआर ने आधिकारिक रूप से ट्विटर छोड़ने का ऐलान किया है. एनपीआर का कहना है कि उन्होंने यह निर्णय ट्विटर द्वारा "राज्य-संबद्ध मीडिया" के रूप में लेबल करने के बाद लिया गया, जिसे बाद में "सरकार-संबद्ध मीडिया" में बदल दिया गया.
एनपीआर के सीईओ जॉन लांसिंग ने कहा, “मैं कभी भी हमारी सामग्री को किसी ऐसी जगह नहीं जाने दूंगा जो हमारी विश्वसनीयता को खतरे में डाले. ट्विटर पर इस विषय में निर्णय लेने का भरोसा खो चुका हूं.”
ट्विटर ने इससे पहले भी इस लेबल का प्रयोग रूस के आरटी और चीन के शिन्हुआ जैसे समाचार संगठनों पर किया था. इस हफ्ते की शुरुआत में इसने बीबीसी को भी सरकार द्वारा वित्त पोषित करार दिया, जिससे ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर को यह दावा करना पड़ा कि यह ब्रिटिश जनता द्वारा वित्त पोषित है. जिसके बाद बीबीसी के साथ हुए साक्षात्कार में ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि लेबल को "सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित" में बदल दिया जाएगा.
एनपीआर के मामले में संस्था ने कहा कि इसे सरकार द्वारा वित्त पोषित मीडिया के रूप में कहना "गलत और भ्रामक" है’ क्योंकि एनपीआर को अपने 300 मिलियन डॉलर के सालाना बजट का 1 प्रतिशत भी सार्वजनिक प्रसारण के लिए संघ द्वारा वित्त पोषित नहीं किया गया.
वहीं, ट्विटर के सीईओ मस्क ने एनपीआर को "पाखंडी" कहा. उन्होंने पहले भी कहा था कि सार्वजनिक रेडियो सेवा के लिए संघीय वित्त पोषण जरूरी है.
जैसा कि एनपीआर ने अपने बयान में विस्तार से बताया है कि इसका अधिकांश फंड "कॉर्पोरेट, व्यक्तिगत समर्थकों और अनुदानों" से आता है. साथ ही साथ कुछ "महत्वपूर्ण प्रोग्रामिंग फीस" इसके सदस्य स्टेशनों से भी आती है. उन स्टेशनों को अपने फंड का लगभग 13 प्रतिशत सीपीबी और अन्य राज्य और संघीय सरकार से प्राप्त होता है.
एनपीआर ने अपने आखिरी ट्वीट में न्यूज़लेटर, एप और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिंक ट्वीट किए.