देश की राजधानी में पानी की किल्लत कभी भी एक भयावह रूप ले सकती है.
दिल्ली में पानी की समस्या को हाल-फिलहाल में एक राजनैतिक जामा पहनाने की कोशिश हो रही है. जहां एक ओर उप राज्यपाल वीके सक्सेना वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के संदर्भ में दिल्ली सरकार पर निशाना साधते नजर आते हैं, वहीं दिल्ली के जल मंत्री समस्या के लिए भाजपा शासित हरियाणा सरकार पर सवाल उठाते हैं.
हालांकि पर्यावरण विशेषज्ञों का इस दिल्ली बनाम हरियाणा की लड़ाई में अलग-अलग मत है. जहां हरियाणा सरकार द्वारा अवैध खनन को लेकर हुई ढिलाई को कुछ हद तक पानी की समस्या के लिए दोषी माना जा सकता है वहीं कुछ का मानना है की इसका युमना के बहाव पर कोई खास असर नहीं पड़ता.
ऐसे में सवाल उठता है कि दिल्ली में पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों की तकलीफों के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है.
जानने की लिए देखिए यह ग्राउंड रिपोर्ट