पिछले साल दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान हिंसा हो गई थी, जिसकी वजह से दिल्ली पुलिस ने इस साल शोभायात्रा की इजाजत देने से इंकार कर दिया था.
पिछले साल अप्रैल महीने में जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर जुलूस के दौरान दो समुदायों में हिंसा भड़क गई थी. हिंसा के दौरान एक नागरिक और आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इस साल राम नवमी के दिन जहांगीरपुरी की स्थानीय रामलीला कमेटी द्वारा दिल्ली पुलिस से साढ़े 4 किलोमीटर की शोभायात्रा निकालने की अनुमति मांगी गई थी. जिस पर दिल्ली पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया था. हालांकि बाद में पुलिस ने 100 मीटर के सीमित दायरे में शोभायात्रा निकालने की अनुमति दे दी थी.
आजतक, एनडीटीवी, सुदर्शन न्यूज़ और सोशल मीडिया पर ये खबर चलाई गई कि यह यात्रा पुलिस की रोक के बावजूद निकाली गई. जबकि हकीकत इसके उलट है. शोभायात्रा के दौरान हमने दिल्ली पुलिस और यात्रा के आयोजकों से बात की.
न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए शोभायात्रा के आयोजक और स्थानीय रामलीला कमेटी के सदस्य विजय सनातनवंशी ने बताया, “हमने पुलिस से साढ़े चार किलोमीटर लंबी शोभायात्रा की परमिशन मांगी थी लेकिन पुलिस ने इंकार कर दिया. हमने शोभायात्रा के लिए सारे इंतजाम कर लिए थे, इसलिए हमने दोबारा पुलिस से परमिशन के लिए निवेदन किया. जिसको देखते हुए पुलिस ने हमें 100 मीटर के दायरे में शोभायात्रा निकालने की परमिशन दी थी.”
उत्तर-पश्चिम दिल्ली के डीसीपी जितेंद्र मीणा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “पहले हमसे चार-पांच किलोमीटर लंबी शोभायात्रा के लिए परमिशन मांगी थी, जिसे मना कर दिया गया. लेकिन बाद में हमने 100 मीटर के दायरे में शोभायात्रा निकालने की परमिशन दे दी. यह शोभायात्रा जिस पार्क में रामनवमी की पूजा हो रही थी, उसके सामने सड़क के दोनों और बैरिकेड लगाकर और भारी सुरक्षा के बीच निकाली गई, ताकि शांति व्यवस्था कायम रहे.”
ऐसे में यह तथ्य पूरी तरह से गलत है कि दिल्ली पुलिस की इजाजत के बगैर शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा के दौरान दिल्ली पुलिस, अर्धसैनिक बल और दंगा नियंत्रण वाहन भी मौजूद रहे.
देखिए पूरी वीडियो रिपोर्ट.