बेरवा अनुसूचित जाति के 60 वर्षीय किसान थे. वह राजस्थान के बूंदी जिले में माजर गांव में तीन बीघे जमीन पर गेहूं की खेती करते थे.
“यह उनकी आखिरी फसल थी" रमेश ने अपने रिश्तेदार पृथ्वीराज बेरवा का जिक्र करते हुए कहा. पृथ्वीराज ने पिछले हफ्ते बारिश के चलते फसल खराब होने के बाद आत्महत्या कर ली थी.
बेरवा अनुसूचित जाति के 60 वर्षीय किसान थे. वह राजस्थान के बूंदी जिले में माजर गांव में तीन बीघा जमीन पर गेहूं की खेती करते थे. “पिछले महीने उन्होंने कर्ज चुकाने के लिए इस जमीन को भी बेच दिया. लेकिन उनकी सारी फसल खराब हो गई, जिससे वह उदास हो गए होंगे.” रमेश ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया.
पिछले कुछ दिनों में राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण कृषि को भारी नुकसान हुआ है. गेहूं, उत्तर भारत में एक प्रमुख रबी फसल है. कई क्षेत्रों में इसकी कटाई चल रही है. वहीं, कुछ इलाकों में फसल का पूरी तरह तैयार होना बाकी है. बारिश से हुए नुकसान का पता लगाने के लिए राज्य सरकारों ने अभी तक सर्वेक्षण पूरा नहीं किया है. केंद्र सरकार का कहना है कि रबी फसलों को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन वह राज्यों से रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, बूंदी मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान जिला है. 11 लाख की आबादी वाले इस जिले की लगभग 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में है. जिले के कई किसान गेहूं की खेती करते हैं. भारत के गेहूं उत्पादन में राजस्थान का सात फीसदी से ज्यादा का योगदान है.
जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी जानकारी देते हुए बताया, "बारिश का पैटर्न ऐसा था कि इससे एक क्षेत्र में एक खेत को नुकसान पहुंचा, लेकिन आसपास के क्षेत्र में कोई नुकसान नहीं हुआ. यही कारण है कि हम व्यक्तिगत मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. सर्वेक्षण जारी है.”
इस पूरे मामले पर ज़्यादा जानकारी के लिए हमारी ये वीडियो रिपोर्ट देखिए.