दो दिन चले विशेष अभियान में दिल्ली पुलिस ने राजधानी में लगे करीब दो हजार पोस्टरों को आपत्तिजनक मानकर हटवा दिया है.
21 मार्च यानी मंगलवार को राजधानी दिल्ली की सड़कों और खंभों पर ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ के पोस्टर लगाए गए. इसके बाद राजनीति एक बार फिर गरमा गई. विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था, उत्तरी जोन) दीपेंदर पाठक ने बताया बताया कि जी-20 को ध्यान में रखते हुए दो दिन के विशेष अभियान के तहत दिल्ली से करीब दो हजार पोस्टर हटवाए गए क्योंकि ये सारे पोस्टर कानून का उलंघन कर रहे थे.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रिंटिंग प्रेस अधिनियम और संपत्ति विरूपण अधिनियम की धाराओं के तहत कुल 140 एफआईआर दर्ज की हैं. जिसमें से 36 एफआईआर प्रधानमंत्री मोदी के पोस्टर से संबंधित हैं. दिल्ली पुलिस ने इन मामलों में छह लोगों को भी गिरफ्तार किया है. इनमें से एक प्रिंटिंग प्रेस संचालक, दो प्रिंटिंग प्रेस के मालिक, एक ड्राइवर और दो पोस्टर लगाने वाले शामिल हैं.
दीपेंदर पाठक ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि पुलिस ने एक वैन भी पकड़ी है, जिसमें ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ के करीब 20 हजार पोस्टर मौजूद थे. वैन के ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि प्रिंटिंग प्रेस के मालिक ने इन पोस्टरों को आम आदमी पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय पर पहुंचाने को कहा था.
पुलिस ने वैन को दीनदयाल उपाध्याय मार्ग से पकड़ा है. जो कि आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय की तरफ से आ रही थी. वैन के ड्राइवर ने बताया कि वह दफ्तर में किसी से मिलकर पोस्टरों की डिलीवरी करने जा रहा था. एक दिन पहले भी उसने आप कार्यालय पर पोस्टरों की डिलीवरी की थी.
पुलिस के मुताबिक, दो प्रिंटिंग प्रेस वालों को इस तरह के 50 हजार पोस्टर बनवाने और फिर उन्हें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में चस्पा करने का काम दिया गया था. रविवार की रात करीब 5:00 बजे यह सारे पोस्टर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में लगाए गए.
इस सवाल पर कि पुलिस को इन पोस्टर्स में आपत्तिजनक क्या लगा? दीपेंद्र पाठक कहते हैं कि प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट (पीआरबी) के मुताबिक जब भी कोई प्रिंटर किसी पोस्टर को प्रिंट करता है तो कानून के मुताबिक उस पोस्टर पर प्रिंटर का नाम होना चाहिए लेकिन इन सभी पोस्टर्स पर प्रिंटर का नाम नहीं था, इसलिए प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों के ऊपर भी कार्रवाई की गई.
दिल्ली के इस पोस्टर वार में आप और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने हैं. आप के दिल्ली संयोजक और सरकार में मंत्री गोपाल राय ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए.
गोपाल राय ने कहा कि पोस्टर लगाने पर एफआईआर दर्ज की गई है, क्या पोस्टर आपत्तिजनक हैं? ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ का नारा आप अगर दे रही है तो दिक्कत क्या है?. भाजपा भी कई तरह के पोस्टर विपक्षी पार्टियों के लिए लगाती रहती है. गोपाल राय ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री अगर लोगों की आकांक्षा पूरा करने में असफल हो रहे हैं, देश के संविधान पर हमला कर रहे हैं तो इसका एक ही समाधान है कि ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’.
वहीं, भाजपा की ओर से दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कानून के अनुसार प्रिंटर का नाम पोस्टर पर होना जरूरी होता है. आप ने पोस्टर लगाने में कानून का पालन नहीं किया है. कानून अपना काम कर रहा है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
गोपाल राय ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पार्टियों का अधिकार है कि वह क्या नारा लगाते हैं. पुलिस को इस तरह की एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी हजारों पोस्टर लगवाती रहती है लेकिन कभी एफआईआर नहीं होती. रोजाना अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी पोस्टर लगाती है लेकिन एफआईआर नहीं होती.
इस मामले के बाद अब आम आदमी पार्टी जंतर-मंतर पर बड़ी जनसभा करने की तैयारी कर रही है. जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल होंगे.