हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया कि एक गुमनाम सीए फर्म, जिसमें 23-24 साल के कुछ युवा काम करते हैं, वो अडानी ग्रुप की दो बड़ी कंपनियों का ऑडिट करती है. इसमें ऐसा क्या है जो हैरान करता है?
24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की थी. उसके बाद से अडानी ग्रुप के शेयर लुढ़कते जा रहे हैं. रिपोर्ट आने वाले दिन तक दुनिया के तीसरे नंबर के अमीर, गौतम अडानी एक समय में टॉप 20 से भी बाहर हो गए.
विपक्ष अडानी और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच के करीबी रिश्तों को लेकर हमलावर है, लेकिन प्रधानमंत्री चुप्पी ओढ़े हुए हैं. उन्हीं की तरह गुजरात के अहमदाबाद स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों के लोग भी अडानी और हिंडनबर्ग का जिक्र आते ही चुप्पी ओढ़ लेते हैं. काफी कुरेदने पर एक सीए कहते हैं, ‘‘आप तो दिल्ली चले जाएंगे, लेकिन हमें गुजरात में ही रहना है.” इस एक वाक्य के जवाब में बहुत से अर्थ छिपे हैं.
अहमदाबाद के मशहूर लॉ गार्डन के पास ‘अभिजीत’ नाम की एक बड़ी बिल्डिंग है. इस बिल्डिंग में तमाम कंपनियों के दफ्तर के साथ-साथ कई सीए फर्म भी हैं. इस भवन के पांचवें फ्लोर पर ‘शाह धंधरिया एंड कंपनी एलएलपी’ का भी दफ्तर है. शाह धंधरिया, अडानी ग्रुप की दो अहम कंपनियों अडानी गैस और अडानी इंटरप्राइजेज का लेखा-जोखा रखती है. व्यापार की भाषा में इसे ऑडिटिंग कहते हैं.
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