आज तक पर नेहा राठौर ने कसी सईद अंसारी की नकेल और धृतराष्ट्र-संजय होली संवाद

दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.

   bookmark_add
  • whatsapp
  • copy

इस हफ्ते टिप्पणी होली विशेष है. धृतराष्ट्र के दरबार में होली का पूरा प्रबंध था. गाने-बजाने वाले सुबह से ही दरबार में जम गए थे. बहुतेरे रंग और भंग की तरंग में थे. प्लान ये था कि दरबार में जोगीरा सारारारा होगा. तो कैसे हुआ जोगीरा सारारारा उसके लिए देखिए पूरी टिप्पणी.

पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार महाआयुक्त के जिनेवा दफ्तर में अजीब हरकत हुई. यहां एक ओपेन आम जन कॉन्फ्रेंस में बलात्कार के आरोपी और भारत के भगोड़े धर्मगुरू नित्यानंद के चेलों ने अपनी व्यथा बताई और कहा कि उसे भारत में प्रताड़ित किया गया है.

दूसरी तरफ गोल्ड स्टैंडर्ड पत्रकारिता वाले आज तक ने लगभग लपकों वाली पत्रकारिता का मुजाहिरा किया. चैनल के एंकर सईद अंसारी ने मानो उत्तर प्रदेश सरकार के पीआर का ठेका ही ले लिया था. इस इंटरव्यू के अधिकतर हिस्से में अंसारी ट्रोल की तरह व्यवहार करते रहे.

subscription-appeal-image

Support Independent Media

क्या मीडिया सत्ता या कॉर्पोरेट हितों के बजाय जनता के हित में काम कर सकता है? बिल्कुल कर सकता है, लेकिन तभी जब वह धन के लिए सत्ता या कॉरपोरेट स्रोतों के बजाय जनता पर निर्भर हो. इसका अर्थ है कि आपको खड़े होना पड़ेगा और खबरों को आज़ाद रखने के लिए थोड़ा खर्च करना होगा. सब्सक्राइब करें.

Also see
अमृतपाल सिंह: “हम इस मुल्क से ताल्लुक नहीं रखते और हम अपनी बात रखना चाहते हैं”
फेक न्यूज़ फैला रहे तीन यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध
newslaundry logo

Pay to keep news free

Complaining about the media is easy and often justified. But hey, it’s the model that’s flawed.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like