पत्रकार सिद्दीकी कप्पन 28 महीने बाद जेल से रिहा हुए हैं. उन्होंने अपने इस सफर पर न्यूज़लॉन्ड्री से विस्तार से बातचीत की.
5 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश पुलिस ने सिद्दीकी कप्पन व उनके साथ तीन अन्य लोगों को हाथरस जाते हुए मथुरा टोल प्लाजा पर गिरफ्तार कर लिया था. 7 अक्टूबर को यूपी पुलिस के द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार कप्पन के खिलाफ धारा 124ए (राजद्रोह), 153ए (वैमनस्य फैलाना) और धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के साथ-साथ यूएपीए और आईटी एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया.
लगभग 28 महीने के बाद, 2 फरवरी 2023 को सिद्दीकी कप्पन को जेल से रिहा हुए. जेल में उनके साथ किस तरह का बर्ताव किया गया, किन परेशानियों का सामना उनके परिवार को करना पड़ा? इस बारे में न्यूज़लॉन्ड्री की एग्जीक्यूटिव एडिटर मनीषा पांडे ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन से बातचीत की.
मनीषा के एक सवाल के जवाब में कप्पन कहते हैं, “मैं अपने काम को लेकर कश्मीर, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश जाता रहा हूं, लेकिन जाने से पहले मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा कि आगे मेरे साथ क्या होगा.”
“मैं सुबह दिल्ली से हाथरस जाने के लिए निकला. उधर रोड पर कुछ तलाशी चल रही थी. मुझसे पूछा गया कि तुम कहां जा रहे हो? मैंने अपनी आईडी दिखाई और कहा कि मैं हाथरस जा रहा हूं. उन्होंने मुझे रोक कर कहा पांच मिनट पूछताछ करनी है और हमारी गाड़ी रोक ली.”
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