बीबीसी: तीसरे दिन भी आयकर विभाग का 'सर्वे' जारी, अब तक क्या हुआ?

बीबीसी ने अपने कर्मचारियों से कहा, “जब तक ‘सर्वे’ पूरा नहीं हो जाता है, तब तक वे डिजिटल उपकरणों से किसी भी फाइल को डिलीट न करें. अगर हम ऐसा करते हैं तो यह अधिकारियों को हमें अनावश्यक रूप से परेशान करने का मौका दे सकता है.”

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दिल्ली स्थित बीबीसी के दफ्तर पर आयकर विभाग का सर्वे तीसरे दिन भी जारी है. बीबीसी अपने कर्मचारियों को सुबह और रात को एक मेल के जरिए इस सर्वे से संबंधित जानकारी साझा कर रहा है. कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे आयकर टीम का पूरा सहयोग करें, उन्हें उम्मीद है कि मामला जल्दी ही सुलझ जाएगा.  

बीबीसी ने अपने कर्मचारियों को बीती रात 10 बजे भी एक मेल किया. बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की डॉयरेक्टर लिलियन लैंडर द्वारा भेजे गए मेल में कहा गया कि आपके काम और धैर्य के लिए एक बार फिर आप सभी का धन्यवाद. जिन्होंने कई घंटे दफ्तर में बिताए उन्हें विशेष धन्यवाद. हम आयकर अधिकारियों के साथ सहयोग जारी रखेंगे.  

मेल में आगे कहा गया, "आपकी सुरक्षा और हित हमारी सबसे जरूरी प्राथमिकता है, यदि हम आपके लिए कुछ और भी कर सकते हैं तो कृपया रूपा, हिलेरी बिशप या मुझसे संपर्क करें. हमें पता है कि बहुत सारी अफवाहें मीडिया में फैल रही हैं. हमारी प्रेस टीम किसी भी गलती को सही करने के लिए काम कर रही है."

हमारी पत्रकारिता जरूरी है. हमारा किया गया काम और पत्रकारिता वैसे ही सामान्य तरीके से चलती रहेगी जैसा हमने अपने भारतीय दर्शकों से वादा किया है. हम आशा करते हैं कि स्थिति बहुत जल्द सामान्य हो जाएगी लेकिन इसी बीच आप सब जो कर रहे हैं उसके लिए एक बार फिर धन्यवाद. कृपया अपने मैनेजरों के संपर्क में रहें और अपना ख्याल रखें.

बीबीसी के एक कर्मचारी ने हमें बताया कि दफ्तर में सिर्फ सीनियर पत्रकारों को ही आने के लिए कहा गया है. बाकी को घर से काम करने के आदेश दिए हैं. मुंबई टीम भी घर से ही काम कर रही है. सर्वे की टीम का प्रोडक्शन पर कोई असर नहीं है. 

वह आगे कहते हैं, “हमें बताया गया है कि अगर कोई भी सर्वे से संबंधी जानकारी बाहर आती है तो बीबीसी उसे रिपोर्ट भी करेगा. किसी भी टीम के सदस्यों को तनाव नहीं लेना है. हम इन परिस्थितियों से निपट लेंगे.” 

बीबीसी ने अपने कर्मचारियों से यह भी कहा कि अगर आयकर विभाग का कोई अधिकारी आपसे कोई रिकॉर्डिंड बयान चाहता है तो रिकॉर्ड करने दें, उसके लिए आपको किसी की परमिशन की जरूरत नहीं है. 

बता दें कि हाल ही में बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर बनी डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन रिलीज की है. जिस पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगाया था. सरकार ने यूट्यूब और ट्विटर पर इसे ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया है. इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद हो गया था. इस सबके बीच अब बीबीसी के दफ्तर पर चल रहे सर्वे की टाइमिंग पर लोग सवाल उठा रहे हैं.

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आयकर विभाग की 24 सदस्यीय टीम बीबीसी के केजी मार्ग स्थित 17 मंजिला हिंदुस्तान टाइम्स हाउस की पांचवी और छठी मंजिल पर मौजूद है. 

बीबीसी के एक कर्मचारी ने बताया कि आयकर विभाग के अधिकारी कंपनी के डेस्कटॉप में अलग-अलग कीवर्ड्स डालकर कुछ खोजने की कोशिश कर रहे हैं. वे टैक्स, ब्लैक मनी, टैक्सेशन, प्रॉफिट, लॉस और जीएसटी आदि जैसे कीवर्ड का प्रयोग कर रहे हैं.

वह कहते हैं, “आयकर की टीम रात में अपने साथ लाए गद्दों को फर्श पर बिछाकर ही सोती है. वे लंच और डिनर के लिए ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर रहे हैं. बुधवार को टीम के कुछ सदस्य कुछ देर के लिए चाय पीने के लिए बाहर भी आए थे. कुछ अधिकारी सोफे पर आराम करते और दोपहर में झपकी लेते हुए भी देखे गए.” 

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'सर्वे' की पूरी कहानी

बीबीसी के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर आयकर टीम के आगमन से लेकर सर्वे जारी रहने तक की पूरी कहानी सुनाई है. उन्होंने बताया कि दफ्तर में छह लिफ्ट हैं, तीन आगे और तीन पीछे. वहीं एक सीढ़ी वाला जीना है. आयकर विभाग की टीम पूरी प्लानिंग के साथ ही सभी लिफ्ट और जीने का इस्तेमाल करते हुए बीबीसी के दफ्तर पहुंची थी.

जब आयकर विभाग की टीम बीबीसी के दफ्तर पहुंची तो गेट हमेशा की तरह ही बंद थे. जिसे सिर्फ बीबीसी के कर्मचारी ही अपने कार्ड को स्वाइप करके खोल सकते हैं. इस दौरान आयकर की टीम दरवाजा पीटती रहीं लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला. 

वह कर्मचारी हमें बताते हैं कि इस दौरान मैं एडमिन के पास बैठा हुआ था. हमने सोचा कि यह लोग प्रदर्शन करने वाले आ गए हैं जो कि पहले डॉक्यूमेंट्री रिलीज होने के दौरान बीबीसी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. बता दें कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री रिलीज होने के बाद बीबीसी के दफ्तर के बाहर हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. 

“इसलिए हम दरवाजा नहीं खोल रहे थे.” 

तभी हमारे एक कर्मचारी (असिस्टेंट) को बीबीसी स्टूडियो में जाना था. जैसे ही उसने दरवाजे पर कार्ड स्वाइप किया तो दरवाजा खुल गया और सारे लोग अंदर घुस गए. और हमारे फोन और सिस्टम जब्त कर लिए.

वह कहते हैं कि अगर हमारा असिस्टेंट नहीं आता तो हम दरवाजा नहीं खोलते. इस बीच बीबीसी कर्मचारियों और आयकर विभाग की टीम के साथ थोड़ी देर कुछ कहासुनी भी हुई. टीम ने बताया कि हम आईटी से हैं. 

आयकर विभाग की टीम के साथ दिल्ली पुलिस के जवान और महिला कांस्टेबल भी साथ आए थे. इसके बाद सभी के मोबाइल एक साथ लेकर टेबल पर रखवा लिए. सभी के मोबाइल एयरप्लेन मोड पर कर दिए. जो कि पहले दिन शाम को 6 बजे वापस किए गए. 

कर्मचारी कहते हैं, “इस दौरान मैं किसी तरह से नीचे उतर आया और सभी सीनियर्स को आयकर टीम की जानकारी दी. इसके बाद मैंने लंदन दफ्तर में भी जानकारी दी. हमारा एक आपदा नंबर है कि जब भी कभी कोई परेशानी आए तो उसमें मैसेज कर सकते हैं तो उसके चलते मैंने लंदन में आयकर टीम के आने की जानकारी साझा की.”

वह कहते हैं कि इस बात की जानकारी हमें ट्रेनिंग के दौरान दी गई थी कि कभी भी कुछ आपदा या परेशानी आ जाए तो हमें लंदन कैसे सूचना पहुंचानी है. यह सब बताया गया था.  

वह आगे जोड़ते हैं, “डॉक्यूमेंट्री आने के बाद से ही हमें अलर्ट कर दिया गया था. हमने तभी अपनी सभी गाड़ियों से बीबीसी के स्टिकर हटा लिए थे. अभी भी बीबीसी की सभी गाड़ियों पर सिर्फ प्रेस लिखा है. सुरक्षा के चलते बीबीसी का लोगो हटा लिया गया है. हमें अपना आईडी कार्ड दिखाने के लिए मना किया गया है. वरना हम पहले गले में आईडी कार्ड डालकर घूमते थे. अगले आदेश तक हमें यह सब फॉलो करना है.” 

वह कहते हैं कि अभी बीबीसी के पास 8 गाड़ियां और करीब 18 टैक्सी हैं. किसी भी गाड़ी पर आपको बीबीसी का स्टिकर नजर नहीं आएगा. पहले बीबीसी की टेक्सियों पर भी बीबीसी ऑन ड्यूटी लिखा था, जो अब नहीं है.

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