सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर इंडिया (एसएफएलसी) ने भारत में वेबसाइट्स, यूआरएल, एप्लीकेशन, सोशल मीडिया पोस्ट और अकाउंट्स को ब्लॉक किए जाने को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी 2015 से सितंबर 2022 के बीच भारत में 55,607 वेबसाइट्स को ब्लॉक किया गया.
इसमें से 26,474 यानी 47.6 प्रतिशत वेबसाइट्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत ब्लॉक किया गया है, और 26,024 यानी 46.8 प्रतिशत वेबसाइट्स को कॉपीराइट उल्लंघन के लिए ब्लॉक किया गया.
वहीं 1,065 वेबसाइट्स को अश्लीलता, पोर्नोग्राफी और बाल यौन शोषण से संबंधित कंटेंट के आरोपों में ब्लॉक किया गया.
इसमें से सबसे ज्यादा 26379 वेबसाइटस संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और 91 वेबसाइट्स को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आदेश पर ब्लॉक किया गया.
आइए सारांश के इस एपिसोड में जानते हैं कि क्यों इतनी वेबसाइट्स को ब्लॉक किया गया? किस नियम के तहत सरकार ब्लॉक कर सकती है, और क्या हैं एसएफएलसी के सुझाव.
क्या मीडिया सत्ता या कॉर्पोरेट हितों के बजाय जनता के हित में काम कर सकता है? बिल्कुल कर सकता है, लेकिन तभी जब वह धन के लिए सत्ता या कॉरपोरेट स्रोतों के बजाय जनता पर निर्भर हो. इसका अर्थ है कि आपको खड़े होना पड़ेगा और खबरों को आज़ाद रखने के लिए थोड़ा खर्च करना होगा. सब्सक्राइब करें.