आहत भावनाओं की फैक्ट्री चलाते हैं मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ज्यादातर उन्हीं फिल्मों या अभिनेताओं-अभिनेत्रियों को लेकर बयान देते हैं, जो मुसलमान हो या भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ मुखर हो.

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फिल्मों और वेब सीरीज पर होने वाली चर्चा, उसकी कहानी या कलाकारों के अभिनय या निर्देशन को लेकर होने की बजाय अब इस बात पर केंद्रित हो गई है कि किसी की भावना तो इससे आहत नहीं हो रही.

इस ‘आहत भावना सूची’ में सबसे मुखर नामों में से एक है मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा. वह आए दिन मीडिया से बात करते हुए किसी फिल्म, वेब सीरीज या अभिनेता को लेकर बयान देते हैं. उनकी टिप्पणियां सबसे ज्यादा मुस्लिम संप्रदाय से ताल्लुक रखने वाले अभिनेता या अभिनेत्री, मुगल इतिहास को लेकर बनी फिल्मों पर होती हैं. और यदि ये फिल्म, गीत या विज्ञापन कथित रूप से हिंदू धर्म के खिलाफ हो तो उस पर उनका बयान कहीं ज्यादा उग्र हो जाता है.

ताजा मामला ‘आदिपुरुष’ फिल्म के ट्रेलर को लेकर है. नरोत्तम मिश्रा ने इसे लेकर मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “आदिपुरुष का मैंने ट्रेलर देखा. फिल्म में आपत्तिजनक दृश्य हैं. हमारी आस्था के केंद्र बिंदुओं को जिस रूप में दिखाया गया है, वह अच्छा नहीं है. अब हनुमान जी के वस्त्र चमड़े के दिखाए गए हैं. यह आस्था पर कुठाराघात है. यह धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले दृश्य हैं.”

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मिश्रा ने आगे कहा कि मैंने फिल्म के निर्माता ओम राउत को पत्र लिखा है. उन्होंने हिदायत देते हुए कहा, “फिल्म निर्माता बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए दृश्य को हटा दें और आगे से ऐसी गलती न हो यह ध्यान दें.”

एक तरफ मिश्रा कार्रवाई करने की धमकी देते हैं, वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश पुलिस कलाकारों पर एफआईआर भी दर्ज कर लेती है.

आहत होती भावनाओं की लंबी फेहरिस्त

23 मार्च, 2020, को कांग्रेस सरकार को गिराकर मध्य प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार को बनाने में मिश्रा की भूमिका अहम रही. जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें गृह मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठा दिया गया.

गृह मंत्री का पद मिलते ही मिश्रा हर दिन अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने लगे. ऐसा कर वो निरंतर मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं. हिंदुत्व और कट्टरपंथ, उनका मुख्य हथियार है. प्रदेश के राजनीतिक हलकों में यह बात आम है कि मिश्रा के ऊपर अमित शाह का हाथ है. इसलिए वह हर रोज एक नए मुद्दे पर कथित रूप से आहत होकर, समाज की भावना का मान रखने के लिए बयान जारी करते हैं.

आश्रम वेब सीरीज

अक्टूबर 2020 में प्रसिद्ध फिल्मकार प्रकाश झा, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अपनी वेब सीरीज आश्रम-3 की शूटिंग कर रहे थे. इससे पहले भी वे अपनी कई फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग भोपाल में कर चुके हैं. लेकिन इस बार उनके साथ हाथापाई की गई और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनके सेट पर तोड़फोड़ भी की.

इस तोड़फोड़ पर मिश्रा ने कहा, “दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तो हो रही है लेकिन झा के खिलाफ क्या कार्रवाई हो? मिश्रा ने सीरीज के नाम पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि ‘इस फिल्म का नाम आश्रम ही क्यों रखा गया?’”

इस वाकये को एक महीना ही हुआ था कि ‘अ सूटेबल बॉय’ नाम की एक वेब सीरीज पर विवाद खड़ा हो गया. नवंबर 2020 में आई इस वेब सीरीज की शूटिंग मध्य प्रदेश में हुई थी. इस सीरीज के कुछ दृश्यों को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. मिश्रा ने मौका गंवाए बिना अपना बयान जारी कर दिया. उन्होंने कहा, “इस वेब सीरीज में बेहद आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए हैं, जो एक धर्म विशेष की भावनाओं को आहत करने वाले हैं. पुलिस अधिकारी इस विवादास्पद कंटेंट का परीक्षण कर रहे हैं. उनकी रिपोर्ट आने के बाद ओटीटी प्लेटफार्म और इसके निर्माता-निर्देशक पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए जो कानूनी कार्रवाई होगी, वह की जाएगी.”

यह सिलसिला लगातार जारी रहा. जनवरी 2021 में तांडव नाम की वेब सीरीज पर बवाल खड़ा हो गया. यहां भी हिंदू देवी-देवताओं के कथित अपमान का आरोप लगाया गया, जिसको लेकर पहले उत्तर प्रदेश में मामला दर्ज हुआ. उसके बाद हर मौके पर बयान देने वाले मिश्रा ने भी इस पर अपना बयान दिया. उन्होंने कहा, “इस सीरीज की टीम के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार केस दर्ज कराएगी.” साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी वेब सीरीज जिसमें अश्लीलता हो, और जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, उसे पूरे देश में प्रतिबंधित करने की मांग केंद्र से करेंगे.

जून में डाक्यूमेंट्री फिल्म काली को लेकर भी जब विवाद बढ़ा, तो उसमें मिश्रा कूद पड़े. उन्होंने कहा, “काली माता को सिगरेट पीते हुए दिखाना काफी आपत्तिजनक है. इस मामले में एफआईआर करवाने के लिए बोलूंगा और फिल्म मध्य प्रदेश में कैसे प्रतिबंधित हो इस पर विचार किया जाएगा. अगर तत्काल फिल्म के पोस्टर नहीं हटाए तो आगे कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे.”

मिश्रा से पहले इस फिल्म को लेकर भाजपा के कई नेता प्रदर्शन कर चुके थे. जबलपुर में भाजपा विधायक के बेटे ने फिल्मकार लीना मणिमेकलाई के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था.

हाल के दिनों में फिल्मों के बॉयकाट या बहिष्कार का चलन काफी बढ़ गया है. कई फिल्मों को इस बहिष्कार के कारण नुकसान भी झेलना पड़ा है. इस साल अभिनेता अर्जुन कपूर की फिल्म ‘एक विलेन रिटर्न’ को लेकर भी बहिष्कार की बात चली. इस पर मीडिया से बात करते हुए अर्जुन कपूर ने कहा था कि हमने इतने लंबे समय तक चुप रहकर गलती की. फिल्म उद्योग को एक साथ आने और मुद्दे की जड़ तक पहुंचने की जरूरत है.

उनके इस बयान पर भी नरोत्तम मिश्रा ने टिप्पणी की. उन्होने अर्जुन कपूर को ‘फ्लॉप एक्टर’ करार देते हुए कहा कि लोगों को धमकी देने के बजाय, अर्जुन कपूर को अपने अभिनय पर ध्यान देना चाहिए.

इसी तरह लाल सिंह चड्ढा फिल्म के बहिष्कार के ट्रेंड के बाद, आमिर खान ने माफी मांगी थी. उन्होंने कहा कि इस बात का उन्हें पछतावा है कि उनकी वजह से लोगों की भावनाएं आहत हुईं. उनके इस बयान पर भी मिश्रा ने टिप्पणी की और कहा कि, “ऐसा काम ही क्यों करते हो कि माफी मांगने की नौबत आए.”

मिश्रा विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाली वेब सीरीज को लेकर कहते हैं, “इन दिनों हिंदू धर्म को निशाना बनाया जा रहा है. अन्य धर्मों पर अगर यह टिप्पणी की जाती तो यह कब के बंद हो जाते.”

ऐसी बात नहीं है कि फिल्मों को लेकर विवादों का खड़ा होना कोई नयी बात है. फिल्मों पर विवाद इससे पहले भी होते रहे हैं. फना, जोधा-अकबर, माय नेम इज खान, डर्टी पिक्चर, ओ मॉय गाड, राम लीला, पद्मावत, लिपस्टिक अंडर माय बुर्का, क्वीन, लीला, हंसमुख इत्यादि कुछ फिल्में हैं, जिनको लेकर काफी विवाद हुआ था.

विज्ञापनों और बयानों पर भी बयानबाजी

नरोत्तम मिश्रा सिर्फ फिल्मों और धरवाहिकों को लेकर ही बयान नहीं देते, बल्कि विज्ञापनों और सार्वजनिक मंच पर अन्य शख्सियतों के बयानों पर भी अपने बयान देते रहते हैं. बात चाहे फैशन डिजाइनर सब्यसाची के मंगलसूत्र के विज्ञापन की हो या डाबर के करवा चौथ वाले विज्ञापन की, इन सब पर भी वह कंपनियों को चेतावनी देते हुए पुलिस को कार्रवाई करने का आदेश देते रहते हैं.

हाल ही में अभिनेत्री श्वेता तिवारी अपनी एक सीरीज के प्रमोशन के लिए भोपाल गई थीं. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “उनकी ब्रा का साइज भगवान ले रहे हैं.” उनके इस बयान से आहत होकर नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल कमिश्नर मकरंद देउस्कर को 24 घंटे में जांच करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा.

हाल ही में बिलकीस बानो सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों की रिहाई को लेकर अभिनेत्री शबाना आजमी ने विरोध प्रदर्शन किया था. जिस पर पलटवार करते हुए मिश्रा ने कहा कि शबाना आजमी, जावेद अख्तर और नसीरुद्दीन शाह 'टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के स्लीपर सेल के एजेंट हैं. मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक लड़की के मंदिर में नाचने के वीडियो पर जब विवाद बढ़ा, तो गृह मंत्री ने पुलिस अधिकारियों को लड़की के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया.

मशहूर शख्सियतों के बयानों के अलावा मिश्रा विपक्षी नेताओं के खिलाफ भी बयान देते रहते हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में आपत्तिजनक बयान देते हुए उनकी तुलना ‘रावण’ से कर दी.

मिश्रा ने इंदौर में चूड़ी वाले के साथ हुई मारपीट पर बयान देते हुए कहा कि युवक खुद का नाम हिंदू बताकर इलाके में चूड़ियां बेच रहा था, इसलिए भीड़ उग्र हो गई थी. उन्होंने दावा किया कि युवक के पास से दो आधार कार्ड भी बरामद होने की जानकारी मिली.

लेकिन न्यूज़लॉन्ड्री ने अपनी रिपोर्ट में पाया था कि वह चूड़ीवाला कई पहलुओं पर नफरत, सांप्रदायिकता और पुलिसिया पक्षपात का शिकार हुआ था.

हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के भोपाल में चार इमली स्थित सरकारी बंगले पर हर रोज, सुबह दस बजने के पहले ही पत्रकारों का तांता लगना शुरू हो जाता है. देश से लेकर प्रदेश तक के तमाम मुद्दों पर मिश्रा हर दिन, बिना चूके प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बयान जारी करते हैं. मुद्दा चाहे उनसे जुड़ा भी हो या नहीं, लेकिन वे बयान देना जरूरी समझते हैं. इसी मसाले की उम्मीद में मीडिया भी हर दिन उनके घर सुबह से ही पहुंच जाता है.

अपने बयानों को लेकर वह न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, "जो बात मुझे सही लगती है मैं वही बोलता हूं.”

कट्टर हिंदुत्व का मूल मंत्र पढ़कर चल रहे मिश्रा ज्यादातर उन्हीं फिल्मों या अभिनेताओं-अभिनेत्रियों को लेकर बयान देते हैं, जो मुसलमान हो या भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ मुखर हो. जो भी अभिनेता भाजपा सरकार के पक्ष में बयान देते हैं या उनका समर्थन करते हैं, उनकी फिल्मों के बारे में मिश्रा कुछ नहीं बोलते.

फिल्म कश्मीर फाइल्स, जिसको लेकर देश भर में काफी विवाद हुआ, उस फिल्म को लेकर उन्होंने कहा कि वह इस फिल्म को देखने लिए वे कश्मीर जाएंगे और वहां कश्मीरियों के साथ यह फिल्म देखेंगे.

इसी तरह अजय देवगन की आने वाली फिल्म थैंक गॉड के ट्रेलर को लेकर उत्तर प्रदेश में एफआईआर दर्ज हो गई. इस फिल्म में भगवान चित्रगुप्त पर फिल्माए गए दृश्यों को लेकर आपत्ति जताई गई है.

आरोप है कि फिल्म के ट्रेलर में कायस्थ समाज के आराध्य भगवान चित्रगुप्त को मॉडर्न कपड़ों में दिखाया गया है. साथ ही अभिनेता ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. लेकिन इस फिल्म के ट्रेलर पर नरोत्तम मिश्रा ने कोई बयान नहीं दिया, क्योंकि यह फिल्म अजय देवगन की है.

बता दें कि अजय देवगन बीजेपी समर्थकों में माने जाते हैं. कई मौकों पर वह सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं. यही नहीं वह साल 2015 में बीजेपी के लिए प्रचार भी कर चुके हैं. वह अभिनेता अक्षय कुमार की तरह ही भाजपा की नीतियों के समर्थक हैं.

मालूम हो कि जब अजय देवगन की फिल्म तान्हाजी और दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक साथ-साथ रिलीज हुईं थीं तब बीजेपी नेताओं ने तान्हाजी को समर्थन देने के लिए फ्री में टिकट बांटे थे. जबकि बेजीपी ने छपाक का विरोध किया था क्योंकि दीपिका पादुकोण जेएनयू विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थीं.

मिश्रा हर मुद्दे पर बोलते हैं भले ही वह उनसे जुड़ा हो या नहीं. उनके अटपटे बयानों की लंबी होती फेहरिस्त से आप समझ पाएंगे कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा हर विषय में सनसनीखेज बयान देकर, सस्ते मीडिया कवरेज का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक गोलबंदी और प्रशासनिक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं.

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