अदालत ने पुलिस से चार्जशीट को रिकॉर्ड पर रखने के लिए कहा है.
गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि 2020 में ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर द्वारा किए गए ट्वीट में कोई अपराध नहीं पाया गया है.
लाइव लॉ के अनुसार, 2020 में जुबैर ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था, “हेलो xxx क्या आपकी प्यारी पोती को सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देने की आपकी पार्ट टाइम जॉब के बारे में पता है? मैं आपको प्रोफाइल फोटो बदलने की सलाह देता हूं.”
इसके बाद ट्विटर उपयोगकर्ता ने जुबैर के खिलाफ अपनी पोती के साइबर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी. जुबैर के खिलाफ आईपीएस की धारा 509बी, सूचना प्रौधोगिकी की धारा 67 और 67ए के तहत अपराध दर्ज किए गए थे.
पत्रकार ने अपने खिलाफ दर्ज की गई शिकायत को रद्द करने की मांग अदालत से की है.
दिल्ली पुलिस की ओर से अधिवक्ता नंदिता राव ने न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ को बताया कि इस मामले में जुबैर के खिलाफ कोई अपराध नहीं पाया गया है, इसलिए चार्जशीट में उनका नाम नहीं है.
फिलहाल न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा है कि सुनवाई की अगली तारीख से पूर्व आरोप पत्र की एक प्रति दायर की जाए. जिसके बाद अदालत ने मामले को 2 मार्च को सूचीबद्ध किया है और पुलिस को चार्जशीट को रिकॉर्ड पर रखने के लिए कहा है.