उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा गांव में रेलवे की 78 एकड़ जमीन से 4000 परिवारों के घर को बेदखल करना है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस आदेश पर रोक लगाते हुए उत्तराखंड सरकार से कहा है कि हम रातों रात 50 हजार लोगों को नहीं हटा सकते हैं. यह समाधान का सही तरीका नहीं है.
जस्टिस किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओक की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. जस्टिस किशन कौल ने कहा, “आप उन लोगों के परिदृश्य से निपटोगे जिन्होंने नीलामी में जमीन खरीदी है. आप जमीन को अधिग्रहित कर सकते हैं और उसका उपयोग कर सकते हैं. लोग 50-60 वर्षों से वहां रह रहे है, उनके पुनर्वास की कोई योजना होनी चाहिए, भले ही यह रेलवे की जमीन हो. इसमें एक मानवीय पहलू है.”
अदालत ने इस मामले को 7 फरवरी 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया है, जिसमें रेलवे को एक व्यावहारिक समाधान खोजने की राय व्यक्त की है.