रूस की वांछित सूची में डाले जाने के कुछ घंटों बाद बुल्गारिया के खोजी पत्रकार क्रिस्टो ग्रोज़ेव ने कहा, "मुझे नहीं पता था कि किस आधार पर, रूस की सरकार ने यह फैसला लिया है. वह हमारे काम से डरते हैं, और इसे दूर करने के लिए कुछ भी नहीं रूकेगा."
स्वतंत्र मानवाधिकार निगरानी ओवीडी इनफो के अनुसार, पत्रकार पर फर्जी़ खबर फैलाने का आरोप लगाया गया है. ग्रोज़ेव ने रूस सहित हाई प्रोफाइल घटनाओं में शामिल होने की सूचना दी है, जिसमें 2014 में पूर्वी यूक्रेन में मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट-17 को मार गिराया जाना और 2018 में ब्रिटेन में सर्गेई और यूलिया स्क्रिपल को ज़हर देना शामिल हैं, हालांकि मॉस्को ने अपनी भूमिका से बार-बार इंकार किया है.
यूक्रेन युद्ध की शुरूआत से ही ग्रोज़ेव ने रूसी युद्ध अपराधों, अत्याचारों का दस्तावेजीकरण करने के लिए बार-बार डिजीटल टूल का उपयोग किया. उन्होंने कुछ नेताओं और अन्य पत्रकारों के साथ 2020 में रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी को ज़हर दिए जाने की भी जांच की.
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद क्रेमलिन ने कानून बनाया, जो रूसी सेना के बारे में “जानबूझ कर गलत जानकारी” के रूप में परिभाषित करने के प्रसार को अपराधी बनाता है. बता दें कि इस कानून के तहत अधिकतम 15 साल की जेल है.