यह जानकारी सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में लिखित में दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा था कि हम भी विज्ञापनों पर अपना चेहरा चमका सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. हालांकि राज्यसभा में सरकार ने जो आंकड़े प्रस्तुत किए वो हैरान करने वाले हैं. केंद्र सरकार ने बीते दो वित्तीय वर्षों में विज्ञापनों पर 476 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में विज्ञापनों पर खर्च हुए रुपयों का ब्यौरा दिया. उन्होंने बताया कि 2020-21 में समाचार पत्रों के विज्ञापनों पर 197.49 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. वहीं इसी वित्त वर्ष में टीवी चैनलों पर 69.81 करोड़ रुपए खर्च हुए.
इसके अलावा वित्त वर्ष 2021-22 में समाचार पत्रों पर 179.04 करोड़ रुपए और टीवी चैनलों पर 29.30 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. ऐसे में देखें तो दो वित्तीय वर्षों में सरकार ने समाचार पत्रों पर कुल 376.53 करोड़ रुपए और टीवी चैनलों पर कुल 99.11 करोड़ रुपए खर्च किए. अर्थात विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) ने इन दो वित्त वर्षों में विज्ञापनों पर कुल 475.53 करोड़ रुपए खर्च किए.
अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में पूछे सवाल के जवाब में विगत दो वर्षों के दौरान उपरोक्त कुल खर्च में से मध्यम और लघु समाचार पत्रों/प्रकाशनों में जारी विज्ञापनों पर हुए खर्च का ब्यौरा भी दिया. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में मध्यम समाचार पत्र/प्रकाशन में 56.05 करोड़ रुपए, और लघु समाचार पत्र/ प्रकाशन में 79.43 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में मध्यम समाचार पत्र/प्रकाशन में 41.05 करोड़ रुपए और लघु समाचार पत्र/ प्रकाशन में 52.07 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.
बता दें कि यह सभी सवाल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नारण भाई जे. राठवा ने सूचना और प्रसारण मंत्री से पूछे थे.