उपरोक्त डायलॉग बहुचर्चित वेब सीरीज “पंचायत” का है. अमेज़ॉन पर प्रसारित होने वाली टीवीएफ की इस सीरीज़ को देशभर में काफी पसंद किया गया. इसके चर्चित होने का एक बड़ा कारण है सीरीज़ में बोले गए मज़ेदार डायलॉग्स. इंटरनेट पर मीम्स बनाने वालों ने इसके डायलॉग्स को अपनी अपनी रचनात्मकता के हिसाब से खूब इस्तेमाल किया.
इसी वर्ष इस सीरीज़ का दूसरा सीजन भी रिलीज़ हुआ है.
इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद अच्छी नौकरी न मिलने के कारण एक गांव में पंचायत सचिव की नौकरी कर रहे एक युवक की कहानी कहती यह सीरीज़, हास्य और ड्रामा का एक संतुलित मिश्रण है. दिलचस्प बात यह है कि इस कहानी को साकार रूप देने वाले भी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं. इस वेब सीरीज का निर्देशन दीपक कुमार मिश्रा ने किया है और इसकी स्क्रिप्ट के लेखक चन्दन कुमार हैं. परदे के पीछे से पंचायत का ताना-बाना बुनने वाले इन दोनों अहम किरदारों से न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने लंबी बातचीत की. इनके इंजीनियरिंग के दौर से लेकर मनोरंजन की विजुअल दुनिया तक के सफर और खासकर पंचायत की निर्माण प्रक्रिया पर विशेष तौर पर विस्तार से यह बातचीत हुई.
यह पूरी बातचीत हमारे सब्सक्राइबर्स के लिए है. पूरा इंटरव्यू देखने के लिए लॉगइन करें.
Independent journalism is not possible until you pitch in. We have seen what happens in ad-funded models: Journalism takes a backseat and gets sacrificed at the altar of clicks and TRPs.
Stories like these cost perseverance, time, and resources. Subscribe now to power our journalism.
₹ 300
Monthly₹ 3000
AnnualAlready a subscriber? Login