क्या सुधीर चौधरी पर आज तक का दांव रंग ला रहा है?

ज़ी न्यूज़ के पूर्व एंकर के आज तक पर ब्लैक एंड व्हाइट शो का अब तक चैनल की रेटिंग पर केवल मामूली असर पड़ा है.

WrittenBy:तनिष्का सोढ़ी
Date:
Article image

सुधीर चौधरी करीब एक दशक तक ज़ी न्यूज़ का चेहरा रहे. इस हद तक कि एक समय के बाद चैनल की पहचान और उनमें एकरूपता आ गई थी. इसलिए जब उन्होंने जून 2022 में अचानक चैनल छोड़ा, तो सभी की निगाहें उनके अगले कदम पर थीं.

10 दिन बाद, बहुत धूमधाम से चौधरी आज तक में एक नए प्राइम टाइम शो, ब्लैक एंड व्हाइट के सलाहकार संपादक और एंकर के रूप में शामिल हुए. आज तक को चलाने वाले इंडिया टुडे समूह की उपाध्यक्ष कली पुरी ने गर्व दिखाते हुए कहा कि उनका टीवी चैनल, समाचार जगत के एक मशहूर नाम के लिए एक स्वाभाविक घर था और उन्हें खुशी हुई थी कि चौधरी ने ऐसा निर्णय लिया जो उनके प्रशंसकों को निराश नहीं करेगा.

चैनल ने जल्द ही घोषणा कर दी कि चौधरी के शो के लिए प्रारंभिक रुझान अभूतपूर्व रहा. चार सप्ताह के डेटा के आधार पर, ब्लैक एंड व्हाइट के रात 9 से 10 बजे के बैंड में हर अन्य न्यूज़ शो की तुलना में ज़्यादा औसत मिनट दर्शक थे.

चौधरी को आज तक में आए तीन महीने हो चुके हैं. उनका शो कैसा चल रहा है? क्या चौधरी पर इंडिया टुडे समूह का दांव चूक गया?

टीवी रेटिंग एजेंसी बार्क के आंकड़ों के मुताबिक ऐसा नहीं है.

न्यूज़लॉन्ड्री ने चौधरी के शो के प्रसारण समय रात 9 से 10 बजे के स्लॉट में 15 से अधिक हिंदी भाषी दर्शकों के 16 सप्ताह के बार्क डेटा का विश्लेषण किया. डेटा से पता चलता है कि चौधरी के शामिल होने के बाद आज तक के रात 9 से 10 बजे दर्शकों की संख्या में मामूली बढ़ोतरी हुई, लेकिन इतना तीन सबसे ज्यादा देखे जाने वाले चैनलों में आ पाने के लिए काफी नहीं था. चैनल इस समय न्यूज़18 इंडिया, इंडिया टीवी और रिपब्लिक भारत के बाद लीडरबोर्ड में चौथे स्थान पर है.

बार्क के डेटा की विश्वसनीयता विवाद का विषय रही है, क्योंकि एजेंसी डेटा हेरफेर के लिए जांच के दायरे में आई थी - टीआरपी घोटाले की हमारी कवरेज देखें - लेकिन यह अभी भी टीवी के दर्शकों का सबसे सुलभ आंकड़ा है.

चौधरी के शो के लिए बाजार हिस्सेदारी में सबसे दर्शनीय बढ़त उस हफ्ते हुई, जब उन्होंने गरबा पंडालों में "लव जिहाद" का अपना "ब्रेकिंग विश्लेषण" पेश किया. 30 सितंबर के शो में उन्होंने ये जानने की मांग रखी कि एक आस्था के लोग, जिसमें उनके अनुसार संगीत और नृत्य प्रतिबंधित है - यहां वे मुसलमानों की बात कर रहे हैं - हिंदू धार्मिक उत्सवों में क्यों हिस्सा लेना चाहते हैं.

बाजार की हिस्सेदारी में सतत बढ़त

चौधरी का शो 19 जुलाई को शुरू हुआ. इससे पहले के चार हफ्तों में, जब श्वेता सिंह के कार्यक्रम खबरदार के पास रात 9 से 10 बजे का स्लॉट था, बार्क के आंकड़ों के अनुसार आज तक की बाजार में हिस्सेदारी 10.9 प्रतिशत से 11.1 प्रतिशत के बीच थी.

अपने पहले हफ्ते में चौधरी के शो ने चैनल की बाजार हिस्सेदारी में 11.6 प्रतिशत की मामूली बढ़तरी की, जो अगले दो हफ्तों में बढ़कर 12.1 प्रतिशत और 12.8 प्रतिशत हो गई और इसके बाद के पांच हफ्तों में 13 प्रतिशत से थोड़ी सी ऊपर रही.

18 से 23 सितंबर तक चैनल की बाजार में हिस्सेदारी 12.9 फीसदी थी. चौधरी ने "लव जिहाद एट गरबा" शो के बाद अगले हफ्ते ये हिस्सेदारी बढ़कर 14.4 प्रतिशत हो गई.

हालांकि उस हफ्ते बाकी शीर्ष के चैनलों की बाजार हिस्सेदारी में भी उल्लेखनीय बढ़त हुई. न्यूज़18 इंडिया एक हफ्ते पहले के 15.9 से बढ़कर 17.9 फीसदी, इंडिया टीवी 15 फीसदी से बढ़कर 17.1 फीसदी, रिपब्लिक भारत 14.9 फीसदी से बढ़कर 15.8 फीसदी और टीवी9 भारतवर्ष 10.3 फीसदी से बढ़कर 11.1 फीसदी हो गए.

"लव जिहाद एट गरबा" शो के एक हफ्ते बाद, आज तक की बाजार हिस्सेदारी थोड़ी कम होकर 14.1 प्रतिशत पर आ गई लेकिन कुल मिलाकर उसी रेंज में बरकरार रही. 20 अक्टूबर को बार्क द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, उसके एक सप्ताह बाद 8 से 14 अक्टूबर तक चैनल की बाजार हिस्सेदारी 14 प्रतिशत रही.

इंडिया टुडे समूह के प्रमुख अरुण पुरी ने इस महीने कहा कि वे सभी टीवी दर्शकों की संख्या को मापने के बारे में चिंतित हैं, और उनका समाचार समूह इन चिंताओं के निवारण को लेकर बार्क के साथ बातचीत कर रहा है. ज़ी मीडिया ने भी तीन हफ्ते पहले बार्क के टीवी दर्शकों की माप प्रणाली से खुद को बाहर कर लिया.

हालांकि चौधरी के आज तक में आने से चैनल के दर्शकों की संख्या पर अब तक कोई खास असर नहीं पड़ा है, लेकिन ज़ी न्यूज़ की रेटिंग पर उनके जाने का नकारात्मक असर हुआ है.

बार्क डेटा के हमारे विश्लेषण के पहले सप्ताह 18 से 24 जून में ज़ी न्यूज़ की बाजार हिस्सेदारी सभी चैनलों की तुलना में सबसे ज्यादा 16.9 फीसदी थी. यह वो समय था जब चौधरी ज़ी न्यूज़ में ही थे और रात 9 बजे डीएनए को होस्ट करते थे.

उनके जाने के बाद, चैनल की बाजार में हिस्सेदारी तेजी से घटी और ज़ी न्यूज़ ने दर्शकों की संख्या के हिसाब से शीर्ष के पांच चैनलों में अपनी जगह खो दी. ज़ी अब बार्क रेटिंग सिस्टम से बाहर हो गया है, लेकिन ज़ी न्यूज़ के लिए उपलब्ध नवीनतम डेटा से पता चलता है कि 17 से 23 सितंबर में चैनल की बाजार हिस्सेदारी 6.5 प्रतिशत थी. मात्र 13 हफ्तों में लगभग 17 प्रतिशत से इस स्तर पर आई ये एक तेज गिरावट है.

न्यूज़लॉन्ड्री ने इंडिया टुडे ग्रुप को चौधरी के नए शो की पहुंच के बारे में सवाल भेजे हैं. उनकी ओर से उत्तर मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.

अपडेट: इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा न्यूज़लॉन्ड्री के साथ साझा किया गया समवर्ती YouTube डेटा रात 9 बजे आज तक के लिए बड़ी बढ़त दर्शाता है.

चौधरी के शो के लिए भविष्य की योजनाओं के बारे में बोलते हुए इंडिया टुडे समूह के एक प्रतिनिधि ने एंकर द्वारा "मजदूर वर्ग के सदस्यों के आत्मसम्मान का सत्कार" करने के लिए शुरू किए गए "मेरा स्वाभिमान" अभियान के बारे में बात की. इन प्रतिनिधि ने इसको लेकर कई ट्वीट साझा किए, जिनमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री का ट्वीट भी था.

subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
Also see
article imageइंडिया टुडे समूह ही सुधीर चौधरी का ‘स्वाभाविक ठिकाना’ है
article imageसुधीर का इस्तीफा: शुरू से अंत तक…
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like