दिल्ली के सुंदर नगरी में एक तरफ हिंदू समुदाय के कुछ लोग मुस्लिम समुदाय के आर्थिक बहिष्कार के पक्ष में हैं, तो वहीं कुछ लोग आर्थिक बहिष्कार के विरोध में भी हैं. हालांकि दोनों समुदायों का कहना है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए.
राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है. दिल्ली के सुंदर नगरी इलाके में दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति पनप रही है. दरअसल बीते 1 अक्टूबर को सुंदर नगरी में 19 वर्षीय दलित युवक मनीष की तीन लोगों ने चाकू घोंपकर बेरहमी से हत्या कर दी. इसके बाद पुलिस ने तीन आरोपियों 20 वर्षीय फैजान, 18 वर्षीय बिलाल और 21 वर्षीय आलम को गिरफ्तार कर लिया. हत्या के विरोध में विश्व हिंदू परिषद ने 9 अगस्त को एक सभा का आयोजन किया. सभा के दौरान भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने हिंदू समुदाय के लोगों से मुस्लिम समुदाय के आर्थिक बहिष्कार की अपील की.
न्यूजलॉन्ड्री ने घटनास्थल पर जाकर दोनों समुदायों से बातचीत की. जहां एक तरफ हिंदू समुदाय के कुछ लोग मुस्लिम समुदाय के आर्थिक बहिष्कार के पक्ष में हैं, तो वहीं कुछ लोग आर्थिक बहिष्कार के विरोध में भी हैं. हालांकि दोनों समुदायों का कहना है कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए.
मृतक मनीष के पड़ोसी इंद्रपाल ने बताया, "अपराधी अपराधी होता है, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान. इसमें कोई जाति धर्म वाली बात नहीं है. लेकिन जिसने भी अपराध किया है उसको सख्त से सख्त सजा दी जाए."
मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार के सवाल पर इन्द्रपाल कहते हैं, "देखिए दुकान से सामान लेने में कोई हिंदू मुस्लिम वाली बात नहीं है. जिस दुकान पर सामान रहेगा आदमी वहीं खरीदेगा."
वहीं मुस्लिम समुदाय से आने वाली रुखसार कहती हैं, "जिसने हत्या की है वह मेरा पड़ोसी है, लेकिन मैं चाहती हूं कि उसे सख्त से सख्त सजा हो. आज मनीष को मारा है कल हमारे बच्चे को भी मार सकता है."
देखिए पूरी रिपोर्ट-