बीबीसी ने अपना खर्च कम करने के अभियान के तहत यह फैसला लिया है.
बीबीसी ने अरबी, फारसी, हिंदी, बंगाली, चीनी, इंडोनेशियाई, तमिल और उर्दू सहित कुल 10 भाषाओं में अपनी रेडियो सेवा बंद करने का प्रस्ताव रखा है. इसके तहत इन सेवाओं में काम कर रहे हैं 382 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा.
बीबीसी ने अपना खर्च कम करने के अभियान के तहत यह फैसला लिया है. बीबीसी ने जारी बयान में कहा कि बीबीसी अपनी अंतरराष्ट्रीय सेवाओं के लिए वार्षिक बचत 28.5 मिलियन यूरो करने और सेवाओं के डिजिटल करने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है. इसके अलावा उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती लागत भी एक बड़ा कारण है.
हालांकि इनमें से किसी भी भाषा में बीबीसी की सेवा पूर्ण रूप से बंद नहीं होगी बल्कि डिजिटल हो जाएगी. बीबीसी जल्द ही डिजिटली प्रसारित होने वाले प्रोग्रामों और पॉडकास्ट का शेड्यूल जारी करेगा.
बीबीसी की खबर के मुताबिक बीबीसी विश्व सेवा की डायरेक्टर लिलियान लैंडर ने कहा, "बीबीसी की भूमिका दुनिया भर में कभी भी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही, निष्पक्ष समाचारों के लिए बीबीसी पर करोड़ों लोगों का भरोसा है, खासकर उन देशों में जहां इसकी आपूर्ति कम है. हम संकट के समय में लोगों की मदद करते आ रहे हैं. हम अंग्रेजी और 40 से अधिक भाषाओं में दर्शकों के लिए सर्वश्रेष्ठ पत्रकारिता जारी रखेंगे साथ ही अपनी कहानियों को आगे बढ़ा कर पत्रकारिता के प्रभाव को बढ़ाएंगे."