कतर के समाचार चैनल अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबू अक्लेह की मौत के करीब चार महीने बाद इजरायल ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि उनके सैनिकों में से किसी एक ने गलती से अल-जज़ीरा की पत्रकार को मार डाला.
मई महीने में 51 वर्षीय शिरीन अबू अक्लेह, इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के उत्तर में जेनिन शरणार्थी शिविर पर इजरायली सेना की छापेमारी को कवर कर रही थीं, जब उनके सर में गोली लग गई. हमले के समय शिरीन ने एक जैकेट पहना था, जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में 'प्रेस' लिखा था.
शिरीन की मौत के बाद अलग-अलग पक्ष सामने आ रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया द्वारा जांच में यह दावा किया गया था कि उन्हें इजरायली सैनिकों द्वारा गोली मारी गई थी. बाद में संयुक्त राष्ट्र और अलग-अलग प्रेस जांच एजेंसियों ने भी इस दावे का समर्थन किया.
इजरायल सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसकी अत्याधिक आशंका है कि उन्हें किसी आईडीएफ जवान ने गलती से गोली मारी और वो सैनिक समझ नहीं पाया कि अक्लेह पत्रकार हैं.
हालांकि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी मामले में, इजरायली सेना पत्रकार की हत्या के लिए जिम्मेदार किसी भी सैनिक पर मुकदमा नहीं चलाएगी.
पत्रकार की भतीजी लीना अबू अक्लेह ने कहा, "हम एक निहत्थे और स्पष्ट रूप से पहचाने जाने योग्य पत्रकार को मारने के लिए जिम्मेदार संस्था से किसी भी प्रकार की जवाबदेही या वैध जांच की उम्मीद नहीं कर सकते."
रायटर्स की खबर के मुताबिक फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रुडीनेह ने कहा, "सभी सबूत, तथ्य और जांच से यह साबित हुआ है कि इजरायल अपराधी था और उसने शिरीन की हत्या की थी और उसे अपने अपराध की जिम्मेदारी लेनी चाहिए."
गौरतलब है कि वर्ष 2000 से अब तक इजरायल- फिलिस्तीन के टकराव में करीब 50 पत्रकारों की मौत हो चुकी है.
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