दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
देश आज़ादी की 75वीं सालगिरह मना रहा है. 75 साल की यात्रा में गर्व, उपलब्धि, पुरुषार्थ, वीरता और महानता के अनगिनत अवसर आए हैं. इतनी मेहनत से हासिल हुई आजादी की इस विरासत को हर भारतवासी को याद कर लेना चाहिए.
75 वर्षों की इस यात्रा में उपलब्धियों के साथ शर्मिंदगी के भी कई पल हैं. उनके न होने की स्थिति में भारत और भी बेहतर भारत बन सकता था. यह यात्रा बहुत लंबी है. कोई भी सूची संपूर्ण नहीं हो सकती, यह भी अधूरी ही समझिए. बहरहाल 75 साल बाद हम जिस मुकाम पर खड़े हैं वहां थोड़ा ठहर कर यह सोचने का वक्त है. आज का भारत प्रोपेगेंडा और भ्रम के असाधारण प्रकोप की चपेट में है.
इसके साथ इस हफ्ते राष्ट्रवाद, देशप्रेम की स्वयंभू सरगना रंगना कैनॉट के साथ तू-तड़ाक.