इस बार मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों में मलाशय में दर्द और शिश्न की सूजन (एडिमा) जैसे लक्षण भी देखे गए हैं.
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इनमें से 36 फीसदी मरीजों को एचआईवी संक्रमण था. कुल मिलकर करीब 10 फीसदी मरीजों को आम तौर पर मलाशय में दर्द और शिश्न की सूजन जैसे लक्षणों के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था. हालांकि इनमें से किसी भी मरीज की मृत्यु की जानकारी सामने नहीं आई है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इनमें से केवल एक मरीज ने उन क्षेत्रों की यात्रा की थी जहां इन रोगों का प्रकोप था. यह यूके के भीतर इस संक्रमण के प्रसार की पुष्टि करता है. वहीं करीब एक चौथाई रोगी ऐसे थे जो मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इनमें से केवल एक मरीज ने उन क्षेत्रों की यात्रा की थी जहां इन रोगों का प्रकोप था. यह यूके के भीतर इस संक्रमण के प्रसार की पुष्टि करता है. वहीं करीब एक चौथाई रोगी ऐसे थे जो मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे. ऐसे में बहुत कम या बिना लक्षणों वाले संक्रमित लोगों से भी इसके प्रसार की संभावनाएं बढ़ गई हैं यह निष्कर्ष उसकी पुष्टि करते हैं.
20 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं सामने
गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे 23 जुलाई 2022 को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा यानी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था. यह बीमारी भारत सहित दुनिया के करीब 78 देशों में फैल चुकी है. सारी दुनिया में अब तक इसके 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं समेत संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों के साथ-साथ प्रयोगशाला कर्मचारियों और एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध बनाने वाले लोगों जिनमें इस संक्रमण के फैलने का जोखिम सबसे ज्यादा है उनके लिए टीकाकरण की सिफारिश की है.
(डाउन टू अर्थ से साभार)