सोनभद्र में चाय पी रहे पत्रकारों पर चलाई गोली, दोनों की जान खतरे से बाहर.
उन्होंने बताया कि दोनों पत्रकार खतरे से बाहर हैं. आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं. अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. हम सभी एंगल से जांच कर रहे हैं. कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन लोगों से पूछताछ जारी है.
वह आगे कहते हैं, ‘‘इस घटना का इन लोगों की पत्रकारिता से कोई संबंध नहीं दिखता. हाल फिलहाल में इन्होंने ऐसा कुछ नहीं लिखा है जो इस तरह की घटना का इशारा कर. यह लोग खुद भी बता रहे हैं कि उन्होंने ऐसी कोई खबर नहीं लिखी है. जिससे इस तरह का हमला किया जाए. कोई स्थानीय मामला या कोई पुरानी रंजिश हो सकती है.’’
भारत में मीडिया की स्थिति
‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ हर साल ‘वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स’ जारी करता है. जिसमें अलग-अलग देशों में मीडिया काम करने में कितना आजाद है, उसकी स्थिति बताई जाती है.
बता दें कि वर्ष 2022 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में सूचीबद्ध 180 देशों में से भारत 150वें स्थान पर है.
‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ को आरएसएफ के नाम से भी जाना जाता है. इसका मुख्य कार्यालय पेरिस में है. आरएसएफ साल 2002 से विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी करता है. बीते कुछ सालों से लगातार इसकी रेटिंग में भारत पिछड़ता नजर आ रहा है. साल 2017 में भारत 136वें स्थान पर था जो, साल 2018 में 138वें, साल 2019 में 140वें, 2020 में 142वें तो वहीं 2021 में भी 142वें स्थान पर है. वहीं 2022 में आठ अंक गिरकर भारत 150वें स्थान पर आ गया है.
वहीं कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने 2021 की वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि इस साल पूरे विश्व में 293 पत्रकारों को उनकी पत्रकारिता को लेकर जेल में डाला गया जबकि 24 पत्रकारों की मौत हुई है. अगर भारत की बात करें तो यहां कुल पांच पत्रकारों की हत्या उनके काम की वजह से हुई है.