मोहम्मद ज़ुबैर: हिंदी अखबारों की उलटबांसी

ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर क्या कहते हैं आज के हिंदी अखबार.

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हिंदुस्तान

हिंदुस्तान अखबार ने इस खबर को चौथे पैन पर जगह दी है. खबर का शीर्षक है, “ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मो. जुबैर गिरफ्तार.” इस खबर में अखबार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, भाजपा महासचिव सीटी रवि और भाजपा सचिव वाई सत्य कुमार के ट्वीट को भी छापा है. इन सभी नेताओं ने जुबैर की गिरफ्तारी के बाद ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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खबर में लिखा गया है, “मोहम्मद जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है. उन पर आईपीसी की धारा 153 (ऐसे कृत्य जिससे माहौल बिगाड़ने और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा 295 (किसी समाज द्वारा पवित्र मानी जाने वाली वस्तु का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था. मामले में पूछताछ के लिए जुबैर को बुलाया गया था जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई.”

हिंदुस्तान अखबार ने भी अन्य अखबारों की तरह ही पुलिस का बयान प्रकाशित किया है.

दैनिक भास्कर

दैनिक भास्कर अखबार ने इस खबर को दिल्ली मुखपृष्ठ पर प्रकाशित किया है. भास्कर ने भी हिंदुस्तान की तरह ही शीर्षक दिया है, “ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर गिरफ्तार.” नीचे सब-हेड में लिखा गया है, “धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप.”

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खबर कहती है, “दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने जुबैर के खिलाफ सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.* पुलिस के मुताबिक, उसे जुबैर के खिलाफ 27 जून को ट्विटर के जरिए एक शिकायत मिली थी जिसमें जुबैर के एक ट्वीट का जिक्र किया गया था. पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए के तहत केस दर्ज कर आज (सोमवार) पूछताछ के लिए बुलाया था.”

खबर में आगे लिखा है कि जुबैर पर कथित फैक्ट चेकिंग के नाम पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है. नुपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद देशभर में प्रदर्शन शुरू हुए थे, साथ ही कई जगहों पर हिंसा भड़क गई थी. कथित तौर पर इन प्रदर्शनों को भी ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक जुबैर द्वारा ही हवा दी गई थी.

*अखबारों की प्रकाशित व्याकरण की गलतियां में सुधार नहीं किया गया है.

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