पुलिस और केंद्रीय बलों में खाली हैं हजारों पद, फिर 'अग्निवीरों' को कैसे मिलेगी नौकरी?

आंकड़े बताते हैं कि केंद्रीय सुरक्षाबलों और राज्यों में पुलिसकर्मियों के कई हजार पद पहले से ही खाली हैं.

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इसी तरह अगर सभी बलों के गज़ेटेड और नॉन गजे़टेड सुरक्षाबलों की संख्या को जोड़ दिया जाए तो कुल स्वीकृत पदों की संख्या 11,09,969 है, जिनमें से 980677 पद भरे हैं और 1,29,292 पद खाली हैं.

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प्रदेशों में भर्तियों की स्थिति

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एंव प्रोन्नति बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2017 से 11 फरवरी 2022 तक पुलिस में 1,44,194 नियुक्तियां की हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि सरकार पुलिस में 40 हजार भर्तियां करने जा रही है.

बोर्ड के जो आंकड़े बताते हैं कि यूपी सरकार ने 1,44,194 नियुक्तियां की हैं, उनमें 2017 से पहले के 43,703 पद भी शामिल हैं. यह वो भर्तियां हैं जिन पर अदालत में मामला चल रहा था.

दरअसल जिन 40 हजार भर्तियों की बात यूपी सरकार कर रही है, ये 2020-21 से रिक्त वो पद हैं जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है.

हरियाणा में साल 2017 से 2022 तक 26,395 पदों के लिए पुलिस भर्तियां निकाली गईं, इन पर अभी भी भर्ती प्रकिया चल रही है. 2017 में सरकार ने 5532, 2018 में 7110, 2019 में 6400, 2020 में 7298 और 2021 में 520 पदों पर पुलिस भर्तियां निकाली गईं. साल 2020 मार्च में जिन 7298 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया, उनका परिणाम जून 2022 में आया.

मध्यप्रदेश में 2017 से 2022 तक 25671 पुलिस पदों के लिए भर्तियां निकाली गई. इनमें से अभी भी कुछ भर्तियों की प्रक्रिया जारी है. साल 2017 में 611, 2018 में 15000, 2020 में 4000, 2021 में 60 और 2022 में 6000 पदों पर पुलिस भर्ती निकाली गईं.

पूर्व सैनिकों की भर्ती में कमी

केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बाद भर्तियों में 10 प्रति आरक्षण देने की बात कही है. साथ ही कहा है कि वह अग्निपथ योजना के तहत आए सैनिकों को भर्तियों में प्राथमिकता देंगे लेकिन सरकार के आंकड़े बताते हैं कि सरकारी नौकरियों में पूर्व सैनिकों की भर्ती में गिरावट आई है.

रक्षा विभाग में पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के तहत पुनर्वास महानिदेशालय या डीजीआर के आंकड़े बताते हैं कि 30 जून 2021 तक पूर्व सैनिकों की भर्ती में कमी आई है.

बैंक, केंद्रीय सुरक्षाबल, पीएसयू और केंद्र सरकार के विभागों में पूर्व सैनिकों की भर्ती होती है. केंद्रीय सुरक्षाबलों के ग्रुप ए से लेकर ग्रुप डी तक में पूर्व सैनिकों की भर्ती होती है. इसके लिए गुप ए से सी तक 10 प्रतिशत आरक्षण है, वहीं ग्रुप डी के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण है.

आंकड़े बताते हैं कि ग्रुप ए में 2.20 प्रतिशत (कुल 76681 में से 1687), ग्रुप बी में 0.87 प्रतिशत (कुल 61650 में से 539), ग्रुप सी में 0.47 प्रतिशत (881397 में से 4146), ही पूर्व सैनिकों की भर्तियां हुई हैं.

केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में पूर्व सैनिकों के लिए ग्रुप सी पदों में 14.5 फीसदी और ग्रुप डी पदों में 24.5 फीसदी कोटा तय किया गया है. लेकिन, डीजीआर के अनुसार ग्रुप सी में केवल 1.15 प्रतिशत (कुल 2,72,848 में से 3,138) और ग्रुप डी में 0.3 प्रतिशत (कुल 134733 में से 404) पदों पर पूर्व सैनिकों की भर्ती हुई.

एनबीटी की एक खबर के मुताबिक सीआईएसएफ ने मार्च 2022 में गृह मंत्रालय से 1700 पूर्व सैनिकों के कॉन्ट्रैक्ट समाप्त करने का अनुरोध किया है.

केंद्र सरकार के विभागों में पूर्व सैनिकों के लिए ग्रुप सी में 10 प्रतिशत और ग्रुप डी में 20 प्रतिशत आरक्षण है. डीजीआर के आंकड़े बताते हैं कि ग्रुप सी में 1.29 प्रतिशत (कुल 1094705 में से 13976) और ग्रुप डी 2.66 प्रतिशत (कुल 325265 में 8642) पदों पर पूर्व सैनिकों की भर्ती की गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2 जून को पूर्व सैनिक वेलफेयर सचिव द्वारा बुलाई गई बैठक में 77 केंद्रीय विभागों में से 48 विभागों के अधिकारी शामिल नहीं हुए. इस बैठक का उद्देश्य केंद्र में पूर्व सैनिकों की संख्या को बढ़ाने को लेकर था.

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