‘अग्निपथ योजना की कवरेज’ को लेकर एनबीडीए ने अपने सदस्य चैनलों को भेजा मेल

माकपा ने कहा कि सरकार अब समाचार प्रसारकों को अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को नहीं दिखाने की धमकी दे रही है.

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देशभर में अग्निपथ योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी हैं. इस बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) या माकपा ने, केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार मीडिया पर विरोध प्रदर्शन न दिखाने के लिए दवाब बना रही है.

माकपा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सरकार अब समाचार प्रसारकों को अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को नहीं दिखाने की धमकी दे रही है. यह सच्चाई को दबाने की कोशिश है. लेकिन न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन अपनी स्वायत्तता को छोड़ कर सरकार के मैसेंजर बॉय के रूप में क्यों काम कर रही है? माकपा विरोध प्रदर्शन की खबरों को पूरी तरह से दबाने की निंदा करती है.”

महुआ मोइत्रा ने एक व्हाट्सएप मैसेज के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “एनबीडीए की सचिव को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का मौखिक आदेश-

स्टेप 1 असहमति को न दिखाना.

स्टेप 2 अग्निपथ की भव्य सफलता दिखाने के लिए बनावटी फुटेज का उपयोग करना.”

हालांकि इस ट्वीट में जो व्हाट्सएप मैसेज दिखाई दे रहा है, वह किसका है यह अभी साफ नहीं है. लेकिन मैसेज में लिखा गया है कि, "सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एनबीडीए के सदस्य चैनलों से आग्रह किया है कि वह अग्निपथ योजना के विरोध प्रदर्शन के पुराने (आर्काइव) फुटेज न चलाएं. इसलिए सदस्य चैनलों से आग्रह है कि वह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आग्रह का पालन करें."

क्या है इस मैसेज का सच?

न्यूज़लॉन्ड्री ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा चैनलों को जारी की गई एडवाइजरी को लेकर न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन(एनबीडीए) सदस्य चैनलों से बातचीत की.

एनडीटीवी के एक कर्मचारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, “एनबीडीए से अग्निपथ योजना के विरोध प्रदर्शन के पुराने फुटेज को उपयोग नहीं करने का मेल आया है.”

चैनल के एक अन्य कर्मचारी ने भी एनबीडीए के इस संदेश की पुष्टि की है. साथ ही कहा कि मेल के अलावा वैसे भी बताया गया है.

हालांकि एनबीडीए की सचिव एनी जोसेफ ने न्यूज़लॉन्ड्री के द्वारा संपर्क करने पर कोई जवाब नहीं दिया.

जहां एक ओर एनबीडीए के सचिव के जरिए मंत्रालय ने यह संदेश चैनलों तक पहुंचाया है वहीं न्यूज़ ब्राडकास्टर्स फेडरेशन (एनबीएफ) को भी यह संदेश भेजा गया कि विरोध प्रदर्शन के पुराने फुटेज का उपयोग न करें. एनबीएफ के सदस्य चैनल रिपब्लिक टीवी के एक कर्मचारी कहते हैं, “मौजूदा स्थिति (हिंसा और विरोध प्रदर्शन) को देखते हुए ऐसी एडवाइजरी जारी करना ठीक है.”

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस एडवाइजरी को लेकर कोई बयान नहीं दिया है. न्यूज़लॉन्ड्री ने संपर्क किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. महुआ मोइत्रा और माकपा पार्टी से भी संपर्क का प्रयास किया है. जवाब आने पर खबर में जोड़ दिया जाएगा.

टीवी चैनलों ने क्या किया?

सरकार द्वारा भेजे गए संदेश के बाद टीवी चैनलों ने वैसे ही किया जैसा उनसे कहा गया था. अधिकतर चैनलों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन की फुटेज को नहीं दिखाया. चैनलों ने सेना के ट्रेनिंग से जुड़े वीडियो का उपयोग अपने डिबेट में किया. वहीं कुछ चैनलों ने हिंसा के बाद हुए नुकसान को दिखाया.

सुधीर चौधरी के शो डीएनए में सोमवार को अग्निपथ योजना को लेकर बातचीत की गई. हालांकि इसमें चैनल के रिपोर्टर बिहार के अलग-अलग जिलों से हिंसा के बाद हुए तोड़फोड़ को दिखा रहे थे. लेकिन शो में विरोध प्रदर्शन और हिंसा के पुराने फुटेज नहीं दिखाए गए.

न्यूज़-18 चैनल पर अमन चोपड़ा और अमीश देवगन दोनों के शो में विरोध प्रदर्शन का कोई पुराना फुटेज नहीं दिखाया गया. अमीश देवगन ने कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा अग्निपथ योजना को लेकर किए विरोध प्रदर्शन को दिखाया.

टाइम्स नाउ नवभारत पर सुशांत सिन्हा और टाइम्स नाउ की नाविका कुमार के शो में भी पुराने फुटेज का उपयोग नहीं हुआ. हालांकि पद्मजा जोशी ने अपने शो में हिंसा के फुटेज का कुछ हिस्सा दिखाया.

रिपब्लिक टीवी पर अर्णब गोस्वामी के शो में कांग्रेस के प्रदर्शन को दिखाया गया जिसमें पार्टी कार्यकर्ता ट्रेन को रोकते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि पूरे शो में बातचीत के दौरान सेना के ट्रेनिंग से जुड़े वीडियो फुटेज दिखाए जा रहे थे.

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को किसी घटना की कवरेज को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इससे पहले बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर भी एडवाइजरी जारी की गई थी. जिसमें चैनलों से किसी भी धर्म या समुदाय को लेकर विवादित चीजों को प्रमोट करने से बचने को कहा गया था.

गौरतलब हैं कि एनबीडीए देश के प्रमुख न्यूज़ चैनलों की एक स्वतंत्र संस्था है जो इसके सदस्य चैनलों के सेल्फ रेगुलेशन के लिए बनाई गई है. इसके अध्यक्ष इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा हैं. वहीं न्यूज़-24 की एडिटर अनुराधा प्रसाद शुक्ला उपाध्यक्ष, टाइम्स नेटवर्क- बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एमके आनंद कोषाध्यक्ष हैं.

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