ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एफआईआर

पत्रकार ने 26 मई को ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर टाइम्स नाउ की एक बहस की आलोचना करते हुए ट्वीट किया था.

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उत्तर प्रदेश के सीतापुर में ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने अपने एक ट्विटर पोस्ट में यति नरसिंहानंद सरस्वती, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को 'हेट मांगर' यानी घृणा फैलाने वाला कहा था.

राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के सदस्य भगवान शरण की शिकायत पर ज़ुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए (विद्वेषपूर्ण कार्य जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किया गया) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 67 (अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित करना) के तहत बुधवार को खैराबाद पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया.

पत्रकार ने 26 मई को ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर टाइम्स नाउ की एक बहस की आलोचना करते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था, "हमें एक समुदाय और धर्म के खिलाफ बोलने के लिए धर्म संसद के आयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती या महंत बजरंग मुनि या आनंद स्वरूप जैसे नफरत फैलाने की जरूरत क्यों है, जब हमारे पास पहले से ही ऐसे एंकर्स मौजूद हैं जो यह काम न्यूज़ स्टूडियो से कहीं बेहतर तरीके से कर सकते हैं."

एंकर नविका कुमार द्वारा संचालित इस बहस में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने भी भाग लिया था. ज़ुबैर द्वारा इस टीवी डिबेट का वीडियो शेयर करने पर नूपुर शर्मा ने उन पर आरोप लगाया था कि "एक तथाकथित फैक्ट चेकर है जिसने कल रात, मेरी एक बहस के एक कंटे-छंटे और सम्पादित वीडियो को डालकर माहौल खराब करना शुरू कर दिया है. तब से मुझे मौत और बलात्कार की धमकियां मिल रही हैं. यदि मुझे या मेरे परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान पहुंचे तो इसके लिए मोहम्मद जुबैर जिम्मेदार हैं." टाइम्स नाउ ने इस बहस का वीडियो अपने यूट्यूब चैनल से हटा लिया है.

भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ इस बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए अब तक तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. उनके खिलाफ महाराष्ट्र के पुणे में इसी मामले में आज ताजा एफआईआर दर्ज हुई, इससे पहले मुंबई व हैदराबाद में भी केस दायर किया जा चुका है.

गौरतलब है कि यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप, जिनका जिक्र ज़ुबैर ने अपने ट्वीट में किया है, यह तीनों वही हैं जिनके खिलाफ पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' में नफरत फैलाने वाले भाषणों के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया था.

वहीं बजरंग मुनि ने 2 अप्रैल को, उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में, हिंदू नव वर्ष के अवसर पर पुलिस की मौजूदगी में समुदाय विशेष की महिलाओं के खिलाफ सामूहिक यौन हिंसा की धमकी दी थी. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं.

डिजिपब न्यूज़ इंडिया फाउंडेशन ने मोहम्मद ज़ुबैर पर हुई इस एफआईआर की कड़ी निंदा की है और पत्रकारों पर इस तरह की कार्रवाइयों को लोकतंत्र पर हमला बताया है. डिजीपब के अनुसार उनकी पत्रकारिता की वजह से ज़ुबैर पर अलग-अलग मामलों में दर्ज की गई यह पांचवीं एफआईआर है.

डिजीपब ने राज्य सरकार से इस मामले को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया और कहा कि राज्य के संस्थागत तंत्र के दुरुपयोग पर प्रहरी की भूमिका निभाने वाले पत्रकारों के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे ऐसे कड़े कानूनों का, एक कानूनी हथियार के रूप में इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए.

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