दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस चौराहे के पास की एक गली में, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की पत्नी शाफिया ने अपने कमरे को सहेजते हुए सीसीटीवी स्क्रीन पर देखा कि उनके पति, घर के बेसमेंट में बने उनके ऑफिस से निकल गए हैं. कुछ मिनट पहले तक ओखला विधायक अपने क्षेत्र के लोगों की परेशानियां सुन रहे थे, जो उनका रोज सुबह दो घंटे का काम है. पार्टी का एक कार्यकर्ता शाफिया को खबर देता है कि उनके पति मदनपुर खादर के लिए निकल गए हैं, जहां निगम के कर्मचारी तथाकथित गैर कानूनी इमारतों को तोड़ने के लिए पहुंच गए हैं.
कुछ घंटे बाद, अमानतुल्लाह खान को मदनपुर खादर में "अवैध अतिक्रमण विरोधी अभियान" के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया. इससे तीन दिन पहले उनका नाम एक और एफआईआर में आया था. शाहीन बाग में कथित तौर पर ऐसी ही तोड़फोड़ का विरोध करने के लिए यह एफआईआर दर्ज हुई थी. अमानतुल्लाह को दिल्ली पुलिस द्वारा दो महीने पहले बीसी (बैड कैरेक्टर) घोषित कर दिया गया था. वे इन अतिक्रमण विरोधी अभियानों को शहर के निगमों में सत्तारूढ़ भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के रूप में देखते हैं.
उनकी पार्टी ने इस तोड़फोड़ के अभियान का एक स्वर में विरोध किया था, लेकिन उनके दल के कुछ नेताओं ने बुलडोजर चलने से पहले हुई जहांगीरपुरी हिंसा के लिए, रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को जिम्मेदार बताते हुए सांप्रदायिक टिप्पणियां की थीं. उस समय अमानतुल्लाह खान ने रमजान के दौरान सुनियोजित तरीके से तोड़फोड़ करके "शांति भंग करने की कोशिश" का आरोप लगाया था. भाजपा की भड़काऊ नीतियों के खिलाफ उनका तीखा विरोध उनकी अपनी पार्टी के लिए अजीब है जो इन दिनों हिंदुवादी झुकाव दिखाने के लिए उतावली हो रही है.