दैनिक जागरण ने फिर साबित किया कि वह जनता नहीं, भाजपा का अखबार है

भाजपा नेताओं को आम लोगों की आवाज़ बताकर किसानों के आंदोलन पर दैनिक जागरण का हमला.

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देश के सबसे बड़े अखबार दैनिक जागरण का अपने पाठकों से झूठ बोलना लगातार जारी है. किसान आंदोलन पर निशाना साधने के लिए और गलत ठहराने की अनगिनत कोशिशें जारी हैं.

किसानों द्वारा सोमवार (27 सितंबर) को बुलाए गए भारत बंद को लेकर दैनिक जागरण ने एक खबर प्रकाशित की. गाजियाबाद जिले के चार कथित व्यापरियों से बातचीत के आधार पर ख़बर बनाई गई, जिसका शीर्षक है- “व्यापारियों ने किया भारत बंद का विरोध, खोलेंगे प्रतिष्ठान”.

इस खबर में भारत बंद को लेकर व्यापरियों ने कहा कि वह बंद का विरोध करेंगे और अपनी दुकानें खोलेगें. साथ ही व्यापरियों ने मांग की है कि सरकार प्रदर्शनकारियों को जल्द से जल्द हटाए. इस खबर में फोटो के साथ चार लोगों को आम जनता का प्रतिनिधि बताकर उनके बयान छापे गए हैं.

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कौन हैं भारत बंद को विरोध करने वाले व्यापारी

हमने पाया कि जागरण ने अपने पाठकों से फिर झूठ बोला है. उसने बीजेपी के नेताओं और उनसे जुड़े व्यापारी संगठनों के लोगों को व्यापारी बता कर अखबार में उनका बयान छाप दिया है. ट्विटर पर इसे लेकर आम आमी पार्टी के एक सदस्य कपिल ने चुटीली टिप्पणी की है.

अखबार में पहला बयान है उदित मोहन गर्ग का. उदित भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के गाजियाबाद के जिलाध्यक्ष हैं. उदित अपने बयान में कहते हैं, “प्रदर्शनकारी किसानों को भ्रमित कर रहे है. बंद के बारे में सोचना भी दुर्भाग्यपूर्ण है.”

बता दें कि उदित मोहन भाजपा के गजियाबाद महानगर आर्थिक प्रकोष्ट के संयोजक हैं. यह बात खुद उन्होंने अपने एक फेसबुक पोस्ट में बताया है. भाजपा के लेटरहेड पर उदित मोहन का नाम खुद इस बात की तस्दीक भी करता है कि वह भाजपा के व्यापार मंडल से जुड़े हुए हैं.

संजयनगर व्यापार मंडल के सदस्य विपिन गोयल, इंदिरापुरम व्यापार एकता समिति के प्रदीप गुप्ता और वैशाली व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय रस्तोगी, यह तीनों लोग भी बंद का विरोध करने की बात करते हैं. और लगभग सभी इस बात पर जोर देते हैं कि कोरोना की वजह से मार्केट पहले ही बंद था, अभी मार्केट फिर से चालू हुआ है, ऐसे में फिर से बंद करना गलत है.

विपिन गोयल भी बीजेपी नेताओं के साथ अपना फोटो और उन्हें फेसबुक पर बधाई देते हुए मौजूद हैं. प्रदीप गुप्ता ने इसी साल अप्रैल में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को पत्र लिखकर लॉकडाउन लगाने की मांग की थी. पत्र में कहा गया था कि 70 दिनों के लॉकडाउन के बाद व्यापारी फिर से व्यापार कर रहे है तो एक हफ्ते के लॉकडाउन से कोई नुकसान नहीं होगा.

पहले लॉकडाउन का समर्थन करने वाले बीजेपी के नेता अब एक दिन के भारत बंद का विरोध कर रहे हैं. उससे भी बड़ी बात यह है कि दैनिक जागरण इन लोगों के बयान ऐसे छाप रहा है मानों यह आम लोग हों. जबकि इनके राजनीतिक पक्ष जगजाहिर हैं.

किसान आंदोलन के बीच 6 जनवरी से 21 जनवरी तक योगी सरकार ने किसान कल्याण मिशन की शुरुआत की. ठीक उसी समय जागरण ने भी योजना चलाया. योगी सरकार की कृषि से जुड़े कामों को लोगों तक पहुंचाने के लिए अखबार ने चार गाड़ियां अलग-अलग शहर में भेजा था.

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